शिक्षित बेरोजगार गरीब युवाओं के पास रोजगार नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। रोजगार नहीं होने के कारण वे परिवार की मदद नहीं कर पाते है। ऐसी स्थिति में वे बाहर जाकर नौकरी की तलाश करते हैं। फिर भी कई को कोई जॉब नहीं मिलता और पैसों की कमी हो जाती है। इससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है। सरकार उन लोगों को रोजगार मिलते तक आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके परिवार की कुछ जरूरतें पूरा करने का संकल्प लिया, ताकि वे अपने परिवार पर बोझ न बन सकें। छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे युवाओं को आर्थिक सहायता करने के उद्देश्य से बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है। यह वित्तीय सहायता युवाओं को अपना घर छोड़कर बाहर जाने की मजबूरी नहीं आने देगी। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेरोजगार युवाओं को केवल भत्ता देकर राहत देने की जगह उन्हें राज्य में ही रोजगार दिलाने और रोजगार ढूंढने में सहायता करने की भी पहल की है।
इस योजना के माध्यम से शिक्षित बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान किया जाता है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता की राशि रोजगार मिलने तक प्रदान की जाएगी। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सहायता राशि रोजगार मिलने तक दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 अप्रैल को राज्य के 70 हजार युवाओं को यह सौगात देकर योजना की शुरुआत की। ऐसे युवाओं को बेरोजगारी भत्ते की पहली किस्तौ के रूप में 17.50 करोड़ की राशि आनलाइन जारी की गई। इस योजना के तहत अब तक 70 हजार युवाओं का बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जा चुका है। बेरोजगारी भत्ता के पोर्टल पर एक लाख 27 हजार बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया था। हालांकि बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है। पोर्टल सभी दिनों के लिए 24 घंटे खुला है।
आवेदक इस पोर्टल पर सुविधा अनुसार कभी भी आवेदन कर सकते हैं। हालांकि योजना के पात्रता की कुछ शर्तें हैं। आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है। आवेदन किए जाने वाले वर्ष के 1 अप्रैल को आवेदक की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम हायर सेकेण्डरी यानी 12वीं कक्षा पास हो। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसी भी जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र में पंजीकृत हो।
आवेदन के वर्ष की 1 अप्रैल की स्थिति में हायर सेकेण्डरी या उससे अधिक योग्यता से उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की स्वयं का आय का कोई स्रोत न हो। उसके परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपए से अधिक न हो। तहसीलदार या उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र बेरोजगारी भत्ता की आवेदन तिथि से 1 वर्ष के अंदर ही बना हो। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप बेरोजगारी भत्ते की राशि 2,500 रुपये सीधे आवेदकों के बैंक खाते में डीबीटी द्वारा ट्रांसफर हो रही है। इसके अलावा बेरोजगारी भत्ता पाने वालों को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार योग्य बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है।