मिट्टी के खिलौने के माध्यम से बच्चों को पारम्परिक जिम्मेदारियों की शिक्षा देने का नाम है पोरा त्यौहार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हरेली के ठीक एक माह बाद भादो की आमावस में पोरा तिहार मनाया जाता है, धान के कटोरा छत्तीसगढ़ में यहां के रहवासी पोरा त्यौहार को परम्परागत त्यौहार के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस दिन मिट्टी के खिलौने के माध्यम से छोटे बच्चों को अपनी- अपनी जिम्मेदारियों की पारम्परिक शिक्षा दी जाती है। बाजार से लड़कों के लिए मिट्टी के नांदिया बैल और लड़कियों के लिए मिट्टी की पोरा जांता, चूल्हा, कड़ाही, बर्तन खरीदकर विधिवत पूजा कर बच्चों को खेलने के लिए दिया जाता है, ताकि लड़कों को बैल, खेती बाड़ी की जिम्मेदारी का और लड़कियों को चूल्हा चौका घर संभालने की जिम्मेदारियों का एहसास बचपन से होता रहे। अर्थात मिट्टी के खिलौने के माध्यम से बच्चों को पारम्परिक जिम्मेदारियों की शिक्षा देने का नाम पोरा त्यौहार है। इस त्यौहार के माध्यम से खेल-खेल में गरूवा अर्थात बैल की पूजा से गोधन की सुरक्षा और बारी से उत्पादित साग-सब्जी की पौष्टिक आहार पकाने की सीख से शारीरिक स्वस्थता की भी संदेश बच्चों को दी जाती है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरूवा और बारी को पुनर्जीवित करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ छत्तीसगढ़ के त्यौहारों को स्वरूप प्रदान करने का अभिनव पहल किया जा रहा है। पोरा त्यौहार के दिन गांवों में किसान अपने बैलों के सजाकर उत्सव स्थल पर एकत्र होते हैं और यहां पर आयोजित बैल दौड़ में उत्साहपूर्वक अपने बैलों को दौड़ाते है। छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार गांवों के साथ अब नगरीय क्षेत्रों में भी सौहाद्रपूर्वक मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अंचल में बहुतायत रूप से मनाये जाने वाले पोरा त्यौहार के दिन गांव के बइगा (गायता) सभी देवालयों की साफ सफाई करता है और गाँव के कुछ प्रमुख लोगों के साथ देवालयों में मिट्टी का बैल, घोड़ा, या हाथी चढ़ाते है। यह लोगों की पशुपालन एवं पशुप्रेम को प्रदर्शित करता है। पोरा का तिहार किसानों के लिए भी संदेश देता है। पोरा अर्थात पोर फूटना (पोटराना) अर्थात धान में गर्भधारण की अवस्था धान के पौधे पूर्ण रूप से परिपक्व होने पर गर्भधारण (पोटराने) की खुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार का नाम पोरा है। पोरा के समय से ही धान गर्भित अवस्था मे आता है, इसी लिए ग्रामीण अंचलों में किसान पोरा के पहिली रात को गर्भही मनाते हैं और गर्भही पूजा करते हैं।

Read Also  ब्रेकिंग न्यूज़: 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान, आदर्श आचार संहिता लागू

पोरा त्यौहार के दिन सामर्थ्य के अनुसार सभी के यहां ठेठरी, खुरमी, बरा, सुंहारी आदि अनेकों प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाते हैं, एक दूसरे को आमंत्रित कर खाते और खिलाते हैं, आपसी सौहार्द्र एकता और भाई चारे का अनूठी मिसाल आज भी गांवों में त्यौहारों पर देखने को मिलती है। पोरा त्यौहार के दिन दोपहर बाद गांव के सभी बच्चे, किशोर किशोरियां, अपनी अपनी टोलियां बनाकर खूब खेलते हैं। महिलाएं सुवा, ददरिया, करमा की मनमोहक गीत गाती है, पुरुष वर्ग उसी दिन डंडा नाच की शुरुआत करते है।

सुवा, ददरिया, करमा गीत गाती महिलाओं की मधुर स्वर,….. पुरुषों के डंडा नाच में एक साथ टकराते डंडों की आवाज,….. रहिं चुकू – रहिं चुकू आवाज से गूंजता बच्चों की गेडिय़ों का स्वर ऐसा लगता है कि मानो सारे जहां की खुशी गांव में सिमट आई हो। गांवों में पोरा के दूसरा दिन नारबोद मनाया जाता है। सावन के अमावस हरेली से लेकर भादो के अमावस पोरा तक प्रत्येक इतवार को इतवारी मनाते हैं, हरेली के दिन से एक माह तक गेंड़ी खेलने के बाद नारबोद के दिन उस गेड़ी को गांव के सरहद में (गेंडी सरोना में ) सड़ाते है। इस दिन गाँव के सभी घर से प्रसादी के रूप में पोरा त्यौहार का बचा हुआ कुछ रोटी बड़ा के साथ परिवार में जितने सदस्य होते हैं खाट की रस्सी में उतना गठान बांध कर गेड़ी गांव के सरहद के पार सरोना में सड़ाते हैं। सुबह 5 बजे से बच्चों के गेडिय़ों का झुंड सबसे पहले गाँव के चक्कर लगाते हुए एक साथ बोलते है… खांसी खोखली, जर बुखार बीमारी साथ मे ले जा रे नारबोद… इस प्रकार चिल्लाते हुए गाँव के बइगा सभी गेंड़ी वालों के साथ गेंड़ी सड़ाने गेंड़ी सरोना ले जाकर विधिवत पूजा के साथ गेंड़ी सड़ाते हैं तथा साथ मे लाया हुआ गठान बांधे हुए खाट की रस्सी को भी वही सड़ा देते हैं…. कहा जाता है कि खाट की रस्सी में प्रत्येक सदस्य के नाम से गांठ इसलिए बांधा जाता है कि उसके नाम से जो भी बीमारी हो तो रस्सी के गठान में बंधाकर रस्सी के साथ गाँव के सरहद के उस पार सड़ जाय।

Read Also  फ़िल्मी सितारों को अनंत अंबानी ने बांट दी दो-दो करोड़ की घड़ी

गेंड़ी सड़ाकर लौटते वक्त भेलवा पेड़ की डाली और कांटेदार दशमूल के पौधे लाते है, और बिना पैर धोए घर के मुख्य दरवाजा में खोंच देते हैं, तथा फसल के उस खेत मे गड़ाते हैं जहाँ लोगों का आना जाना रहता है। ये इसलिए किया जाता है कि इससे घर और खेत के फसल में किसी की नजर न लगे। इस प्रकार पोरा का त्यौहार धान के कटोरा छत्तीसगढ़ में बच्चे से लेकर बूढ़े और किसान सभी को अपनी जिम्मेदारियां और खुशहाली का संदेश देती है।

Share The News




CLICK BELOW to get latest news on Whatsapp or Telegram.

 


Alto का 10 साल का राज खत्म! GST 2.0 के बाद ये गाड़ी बनी देश की सबसे सस्ती कार

By Reporter 1 / September 27, 2025 / 0 Comments
भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में हाल ही में लागू हुए जीएसटी 2.0 रिफॉर्म्स ने बाजार का समीकरण बदल दिया है। टैक्स में कटौती का सीधा असर गाड़ियों की कीमतों पर पड़ा है, जिसका सबसे बड़ा और चौंकाने वाला नतीजा यह है...

Breaking News: कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों और दिव्यांगजनों पर बड़े फैसले

By User 6 / September 30, 2025 / 0 Comments
तारीख: 30 सितम्बर 2025 | स्थान: रायपुरछत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित हुई। इस बैठक में सरकारी कर्मचारियों, दिव्यांगजनों और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।  ...

PM मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा,तीन दिन दो रात गुजारेंगे छत्तीसगढ़ में,डीजी कॉन्फ्रेंस में होने शामिल

By User 6 / October 1, 2025 / 0 Comments
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में पहली बार डीजी कॉन्फ्रेंस होने का रहा है। इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के डीजीपी शामिल होने और नई योजनाओं के होने वाली प्रैक्टिसेज पर चर्चा होगी। इस कार्यक्रम को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह...

नवरात्रि पर रायपुर को बड़ी सौगात, 117 करोड़ से तीन ओव्हरपास

By User 6 / September 30, 2025 / 0 Comments
रायपुर, 29 सितम्बर 2025। राजधानी रायपुर के लोगों के लिए बड़ी सौगात मिली है। उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने रिंग रोड क्रमांक-2 के हीरापुर चौक (गणपत चौक) में 117 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से...

गोदावरी प्लांट हादसा मामला, PCC चीफ दीपक बैज ने की घायलों से मुलाकात,

By User 6 / September 27, 2025 / 0 Comments
रायपुर। सिलतरा गोदावरी इस्पात में हुए हादसे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने घायलों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 5 घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से चर्चा की। 6 माह में इस्पात एक महीने...

छत्तीसगढ़ की तीन यूनिवर्सिटी भी यूजीसी डिफॉल्टर सूची में

By User 6 / October 2, 2025 / 0 Comments
नई दिल्ली।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर की 54 निजी राज्य विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इनमें से तीन यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ की हैं। आयोग के मुताबिक, इन संस्थानों ने अनिवार्य जानकारी समय पर जमा नहीं की और न ही...

सूर्यकुमार यादव पर ICC का कड़ा ऐक्शन, पहलगाम अटैक पर कमेंट करने के लिए लगा मोटा जुर्माना

By Reporter 1 / September 27, 2025 / 0 Comments
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया। उन पर यह कार्रवाई पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा की गई शिकायत पर सुनवाई के बाद की गई। दरअसल, पाकिस्तान ने...

रायपुर में होटल, क्लब और रेस्टोरेंट अब रात 12 बजे ही हो जाएंगे बंद

By Reporter 1 / September 28, 2025 / 0 Comments
रायपुर शहर के तेलीबांधा इलाके में स्थित होटल, बार, क्लब, पब और रेस्टोरेंट अब रात 12 बजे के बाद पूरी तरह बंद रहेंगे। प्रशासन ने शनिवार को सभी संचालकों को नोटिस जारी कर यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्धारित समय...

मुर्गे को मारने के लिए चलाई गोली, निशाना चूका और चली गई सो रहे पड़ोसी की जान

By Reporter 1 / September 28, 2025 / 0 Comments
तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले से एक बेहद अजीब और दुखद घटना सामने आई है, जहां एक शख्स ने मुर्गे पर गोली चलाई, लेकिन निशाना चूकने से गोली पड़ोस के घर में सो रहे एक युवक को जा लगी, जिससे उसकी...

करूर भगदड़ मामले में बड़ा एक्शन, एक्टर विजय की पार्टी के 2 नेताओं पर FIR

By Reporter 1 / September 28, 2025 / 0 Comments
तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की पार्टी ‘तमिझगा वेत्री कळगम्’ (TVK) की रैली में हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने TVK के दो स्थानीय नेताओं आनंद...