राधिका खेड़ा के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई है। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का बाद सुशील आनंद शुक्ला सहित पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधिका खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान मुझे सुशील आनंद शुक्ला ने शराब ऑफर की। भूपेश बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ छोड़ दो। राजीव भवन में मुझे बंद किया गया, मैं चीखती-चिल्लाती, गुहार लगाती रही। मुझे गालियां दी गईं। मैंने ये बात सचिन पायलट, भूपेश बघेल और जयराम रमेश को बताई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
‘छत्तीसगढ़ कांग्रेस ऑफिस में मेरे साथ अभद्रता हुई’
राधिका ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जाने का विरोध मुझे इस कदर सहना पड़ेगा, मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था। मेरे साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ऑफिस में अभद्रता हुई। मेरे साथ धक्का मुक्की की गई। कमरे में बंद कर दिया गया लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। मैं चीख चीखकर गुहार करती रही। छोटे से लेकर सबसे बड़े शीर्ष नेतृत्व तक गुहार करती रही लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. खेड़ा ने कहा कि मुझे सिर्फ और सिर्फ न्याय इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं राम मंदिर होकर आई थी। रामलला के दर्शन करके आई थी।
उन्होंने कहा, मैंने हमेशा सुना है कि कांग्रेस राम विरोधी, सनातन विरोधी और हिंदू विरोधी है, लेकिन मैंने कभी इस पर विश्वास नहीं किया। महात्मा गांधी हर बैठक की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम से करते थे। जब मैं अपनी दादी के साथ राम मंदिर गई और वहां से लौटने के बाद मेरा हकीकत से सामना हुआ। मैंने अपने घर के दरवाजे पर ‘जय श्री राम’ का झंडा लगाया और उसके बाद कांग्रेस पार्टी मुझसे नफरत करने लगी। जब भी मैंने फोटो या वीडियो पोस्ट किए, मुझे डांटा गया और पूछा गया कि जब चुनाव प्रक्रिया चल रही थी तो मैं अयोध्या क्यों गई।
शराब पिने का दिया गया ऑफर
राधिका खेड़ा ने कहा, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सुशील आनंद शुक्ला ने मुझे शराब की पेशकश की और वह 5-6 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाते थे। ये बात मैंने सचिन पायलट, दीपक बैज और जयराम रमेश, पवन खेड़ा को सूचित किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुझे बाद में एहसास हुआ कि मुझे नजरअंदाज कर दिया गया, क्योंकि मैं पार्टी की हिंदू विरोधी विचारधारा का पालन नहीं करती थी।
मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा इस्तीफा
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और राधिका खेड़ा के बीच विवाद चल रहा था। जिसके बाद राधिका ने 5 मई को कांग्रेस पार्टी सहित अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्याग पत्र भेजा है। जसिमें राधिका खेड़ा ने अपने साथ हुए दुर्वव्हार की जानकारी दी है। धिका खेड़ा ने यह भी दावा किया कि अयोध्या राम मंदिर जाने के बाद से ही पार्टी में उनका विरोध शुरू हो गया था और बाद में अभद्रता भी की गई।
उन्होंने रायपुर में पार्टी दफ्तर में उनके साथ हुई बदसलूकी का हवाला देते हुए कहा कि माता कौशल्या के मायके (छत्तीसगढ़) में बेटी सुरक्षित नहीं है। राधिका ने रविवार को अपने त्याग पत्र में कहा कि राम की भक्त और एक महिला होने के नाते वह बुरी तरह आहत हैं। पार्टी में रामलला के दर्शन करने वाले नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।