रायपुर। कोरोनाकाल में रायपुर जीआरपी थाने में अपराध का ग्राफ साठ फीसदी गिर गया। है। दरअसल कोरोना संकटकाल में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने मार्च महीने से ही ट्रेनों का आवागन बंद कर दिया गया था। इसके कारण स्टेशनों में सन्नाटा पसरा रहा। ऐसे हालत में चोर- उच्चके और बदमाशों को कोई मौका नहीं मिला। यहीं कारण है कि रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अपराध में कमी आई है। जानकारी के मुताबिक जीआरपी थाने में वर्ष 2020 में अब तक कुल 123 अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि वर्ष 2019 में 338 मामले दर्ज किए गए थे। इस साल दर्ज किए गए प्रकरणों में चोरी के मामले सबसे अधिक हैं, जबकि गांजा तस्करी के सात मामले दर्ज हैं। वहीं पिछले साल नारकोटिक्स एक्ट के आठ मामले दर्ज किए गए थे। जीआरपी प्रभारी राजकुमार बोर्झा ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मार्च महीने में देशभर में लाकडाउन की घोषणा की गई थी। लगातार लाकडाउन होने की वजह से स्टेशन में सन्नााटा पसरा रहा। अनलाक में थोड़ी स्थिति सुधरी। अनलाक में पिछले तीन महीने से 22 स्पेशल ट्रेनें ही चल रही है।
रायपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों की जांच के बाद कंफर्म टिकट वाले को ही सफर करने की अनुमति के कारण भीड़ नहीं लगी। वहीं सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने के साथ ही कोरोना के डर से लोगों की आवाजाही कम होने से बदमाश, चोर-उच्चकों को हाथ मारने का मौका नहीं मिला और अपराध का ग्राफ लगातार गिरता गया। पिछले साल 2019 में 338 अपराध दर्ज किए गए थे। इस साल अभी तक 123 अपराध दर्ज किए जा चुके है। यह स्थिति नए साल में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।
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