भारतीय रिजर्व बैंक भुगतान प्रणाली को बेहतर बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने छह फिनटेक कंपनियों को चुना है। रिजर्व बैंक ने इन कंपनियों के उत्पाद को लाइव टेस्टिंग दिया है।
रिजर्व बैंक ने जिन छह फिनटेक कंपनियों को मौका दिया गया है, उनमें से दो ने नवंबर, 2020 से टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। जयपुर स्थित नैचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज ने ईरुपया उत्पाद का परीक्षण शुरू कर दिया है, जो नियर-फिल्ड कम्यूनिकेशन आधारित प्रीपेड कार्ड और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) का उपयोग करता है। कंपनी ने इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक के साथ समझौता किया है। इस कंपनी का फोकस छोटे दुकानदार और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है। एनएफसी के जरिये कंपनी बिना इंटरनेट के भुगतान की सुविधा मुहैया कराएगी। यह प्रीपेड कार्ड प्रति दिन 2000 रुपये से रीचार्ज किया जा सकेगा। वहीं, महीने में इसमें 20,000 रुपये डाला जा सकता है। इस कार्ड को पंजाब नेशनल बैंक के शाखा, एटीएम या ग्राहक अधिकारी के जरिये रीचार्ज कराया जा सकता है।
इसी तरह, दिल्ली स्थित न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने उत्पाद पेसे का परीक्षण शुरू कर दिया है। पेसे ऑनलाइन और ऑफलाइन भुगतान कार्ड होगा। यह भी एनएफसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। यह एक डिजिटल मोबाइल वॉलेट की तरह होगा जो ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में काम करेगा। इसके अलावा जिन चार कंपनियों ने दिसंबर में अपने उत्पाद की टेस्टिंग शुरू की है उनमें मुंबई स्थित टॉप स्मार्ट डाटा इंफोर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड एक है। यह कंपनी सिटीकैश नाम से प्रीपेड कार्ड ला रही है जो एनएफसी तकनीक का भी उपयोग करता है। ग्राहक इसका उपयोग बस टिकट के भुगतान से लेकर चुनिंदा व्यापारियों के भुगतान के लिए बटुए के रूप में कर सकते हैं। फिनो पेटेक उन निवेशकों में से एक है जो इस कंपनी को फंडिंग कर रही है।
बेंगलुरु की कंपनी नफा इनोवेशन प्रा. लिमिटेड ध्वनि तंरंगो का उपयोग कर सुरक्षित लेनदेन वाला उत्पाद पेश करने की तैयारी में है। कंपनी टोनटैग नाम से उत्पाद ला रही है जो ऑनलाइन और ऑफलाइन भुगतान में ध्वनि को एन्क्रिप्ट तरंगों का उपयोग करेगी। इसका उपयोग फीचर फोन सहित किसी भी मौजूदा डिवाइस पर किया जा सकता है। टोनटैग यूपीआई के माध्यम से व्यापारियों को ऑफलाइन भुगतान का परीक्षण कर रहा है। भुगतान करने के लिए, ग्राहकों को टोनटैग डिवाइस पर अपने फोन को टैप करना होगा। एक ध्वनि तरंग उत्सर्जित होती है जो डेटा को वहन करती है, जो व्यापारी के उपकरण द्वारा प्राप्त की जाती है, और भुगतान पूरा हो जाता है। यह एनएफसी भुगतानों की तरह ही काम करता है। कंपनी द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक के लिए कई पेटेंट हैं।
बेंगलुरु की कंपनी उबोना टेक्नोलॉजीज वॉयस-आधारित यूपीआई सेवा का परीक्षण कर रही है। इसका उपयोग व्यक्ति-से-व्यक्ति (पी2पी) और पी2एम ऑफलाइन भुगतान के लिए किया जा सकता है। उबोना ने दो मोबाइल उपकरणों के बीच डेटा ट्रांसफर के लिए बहुत उच्च आवृत्ति और अश्रव्य ध्वनि तरंगों का उपयोग करने वाली कंपनी अल्ट्राकैश का उपयोग किया है।
रिजर्व बैंक ने जिन छह कंपनियों का चयन किया है उसमें एक नोएडा की कंपनी ईरूट टेक्नोलॉजी है। कंपनी एक यूपीआई आधारित ऑफलाइन मोबाइल समाधान का परीक्षण कर रही है जिसमें एक स्मार्टकार्ड का उपयोग किया गया है जिसमें एक एम्बेडेड सिम है। पायलट और फील्ड टेस्टिंग के माध्यम से नियामक नए वित्तीय उत्पादों के लाभ और जोखिम को पता लगाएगा। यह नियामक को नए मानदंडों को जल्दी से लागू करने में मदद करेगा। पूरी प्रक्रिया को देखने के बाद नियामक यह तय करेगा कि किस कंपनी को भुगतान सेवा शुरू करने की अनुमति दी जाए और किसे नहीं।