
रायपुर : प्रवेश और फीस विनियामक समिति छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों पर 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई छात्रों से ट्रांसपोर्ट, हॉस्टल और मेस के नाम पर अधिक राशि लिए जाने की शिकायत सही पाए जाने पर की गई है. मेडिकल कॉलेजों को छात्रों से ली गई अधिक राशि एक माह के भीतर 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित छात्रों को लौटाने के निर्देश भी दिए गए हैं.प्रवेश व फीस नियामक समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रभात कुमार शास्त्री ने बताया कि शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस,जुनवानी भिलाई, बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मोवा रायपुर एवं रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भानसोज ग्राम-गोढ़ी रायपुर में एमबीबीएस, एमडीएमएस पाठ्यक्रमों के संचालन में ट्रांसपोर्ट, हॉस्टल एवं मेस के नाम पर अत्यधिक राशि प्रत्येक छात्र से लिए जाने की शिकायत मिली थी. जांच में शिकायत सही पाई गई है. उन्होंने बताया कि तीनों निजी मेडिकल कॉलेजों को जुर्माने की राशि शासन के पक्ष में एक माह के भीतर जमा करने कहा गया है. यदि एक माह के भीतर राशि जमा न की जाए तो शासन को तीनों ही मेडिकल कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने की अनुशंसा भी की गई है.जस्टिस शास्त्री ने बताया कि इन तीनों निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्रों से अत्यधिक राशि लेने की बहुत सी शिकायतें प्राप्त होने पर समिति ने संबंधित तीनों मेडिकल कॉलेजों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया. उनसे खाते के विवरण आदि की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् समिति ने यह पाया कि तीनों ही कॉलेज ट्रांसपोर्ट, हॉस्टल एवं मेस के लिए जिसे वे केवल ‘न लाभ-न हानि’ के रूप में ही संचालित कर सकते हैं अर्थात् वास्तविक खर्च को ही लेने की अधिकारिता उन्हें हैं, लेकिन उनकी ओर से मनमानी राशि छात्रों से ली जा रही है.