गुजरात के राजकोट जिले के एक गांव राज सामधियाला में चुनाव प्रचार के लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को गांव में आने की अनुमति नहीं है। साथ ही वोट ना देने वाले शख्स पर 51 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रविधान है। गांव के सरपंच ने कहा कि राजनीतिक दलों को प्रवेश ना देने का नियम 1983 से लागू है, लेकिन यहां वोट देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
गांव के सरपंच के अनुसार इसको लेकर गांव में नोटिस बोर्ड लगे हैं जिन पर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेताओं की गांव में नो इंट्री और वोट ने देने पर 51 रुपये जुर्माने को लेकर जानकारी चस्पा है। हर बार की तरह इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ग्राम सरपंच ने आदेश दिया है कि सभी ग्रामीणों को वोट देना अनिवार्य है। अगर वोट नहीं डाला तो जुर्माना लगाया जाएगा।
राज समाधियाला गांव के स्थानीय लोग ग्राम विकास समिति (वीडीसी) की ओर से बनाए गए नियमों का गांव के लोग सख्ती से पालन करते हैं। गांव के लिए बनाए गए नियमों में से एक चुनाव नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाता है। इनमें से किसी भी नियम को भी तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाता है। राजकोट के राजसमाधियाला गांव के सख्त नियमों के चलते अक्सर यह गांव चर्चाओं में रहता है।
गांव के लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार से गांव का वातावरण प्रदूषित होगा। गांव में गंदगी होगी और इससे पर्यावरण्ा को नुकसान पहुंचेगा। भले ही इस गांव में नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक हो लेकिन गांव की कोशिश रहती है कि उनके यहां शत-प्रतिशत मतदान हो। पिछले आंकड़ों की बात करें तो गांव में 95 प्रतिशत से अधिक मतदान होता है।