विज्ञानियों ने प्लास्टिक कचरे की वैश्विक समस्या के प्राकृतिक निदान की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। उन्होंने एक विशेष एंजाइम का पता लगाया है, जो टेरेफ्थेलेट (टीपीए) को तोड़ने में सक्षम है। टीपीए का इस्तेमाल पालीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) प्लास्टिक बनाने में किया जाता है। पीईटी प्लास्टिक से एक बार उपयोग वाली पेय पदार्थ की बोतलें, कपड़े व कालीन आदि का निर्माण किया जाता है। अध्ययन निष्कर्ष द प्रोसीडिंग्स आफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज (पीएनएएस) में प्रकाशित हुआ है। शोध का नेतृत्व मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेन डुबाइस और पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी के प्रो. जान मैकगीहन ने किया। इन्होंने वर्ष 2018 में एक अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया था, जिसने पीईटी प्लास्टिक को तोड़ने में सक्षम एक प्राकृतिक एंजाइम का निर्माण किया था। प्रो. मैकगीहान के अनुसार, ‘पिछले कुछ वर्षों में एंजाइम इंजीनियरिंग के जरिये पीईटी प्लास्टिक को बिल्डिंग ब्लाक्स के रूप में तोड़ने की दिशा में अविश्वसनीय प्रगति हुई है। इसके जरिये बिल्डिंग ब्लाक्स को सामान्य अणुओं में तब्दील कर दिया जाता है। इसके बाद बैक्टीरिया के जरिये प्लास्टिक कचरे को खाद के रूप में तब्दील कर दिया जाता है। हमने डायमंड लाइट सोर्स पर शक्तिशाली एक्सरे के इस्तेमाल से टीपीएडीओ एंजाइम का 3डी ढांचा तैयार किया, जिससे पता चला कि यह किस प्रकार प्रतिक्रिया करता है। नए अध्ययन ने इस जटिल शोध के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त किया है।”