2 साल बाद बाजार में पिचकारियों-रंगों की बहार
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सहित बिलासपुर के बाजार में अब होली का माहौल नजर आने लगा है। फाग गीतों की महफिल जमाने के लिए बाजार में नगाड़े सजे हुए हैं। वहीं चौक-चौराहों पर रंग-गुलाल और पिचकारी की दुकानें भी सज गईं है। पर्व आने से पहले ही अब बाजार में खरीदारों की भीड़ भी नजर आने लगी है। शनिचरी रपटा स्थित चौपाटी खैरागढ़ के नगाड़ों के बाजार से गुलजार हो रहा है। खरीददार भी अपने मनपसंद नगाड़ों की खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार होली पर्व में कोरोना संक्रमण का असर नहीं दिखाई दे रहा है। लिहाजा, इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह और उमंग है। यही वजह है कि होली पर्व मनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। सदर बाजार से लेकर कंपनी गार्डन और अन्य चौक चौराहों में दुकानें भी सज गई हैं।
-खैरागढ़ से नगाड़ा बेचने पहुंचे कारीगर
पिछले दो साल से कोरोना के चलते नगाड़ों की बिक्री नहीं हो पाई थी। इसके चलते कारीगरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। इस बार कारीगरों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। शनिचरी रपटा में नगाड़े सज गए हैं। यहां खैरागढ़ से नगाड़े बेचने के लिए कारीगर आए हैं। दरअसल, फागुनी गानों के साथ नगाड़ों की थाप के बिना होली पर्व अधूरा है।
50 रुपए से 3000 तक के हैं नगाड़े
शनिचरी रपटा में लगे दुकानों में नगाड़ों की कीमत 50 रुपए से लेकर 3000 हजार रुपए तक है। करीगरों ने बताया कि नगाड़ों की साइज के हिसाब से कीमतें तय है। बताया गया कि नगाड़ों की बिक्री शुरू हो गई है। होली पर्व के पहले इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
होली पर्व में अब चूड़ी रंग के साथ ही हर्बल उत्पादों की डिमांड बढ़ गई है। व्यापारियों ने बताया कि होली में अब सेंटेड और हर्बल गुलाल के साथ स्प्रे कलर जैसे उत्पाद ज्यादा बिक रहे हैं। वहीं, लोग केमिकल मिक्स उत्पादों से परहेज करने लगे हैं।