कोरबा में पदस्थ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में हवलदार दंपती संदीप उरांव व जगरानी खाका को पुलिस ने मानव तस्करी में गिरफ्तार किया है। उन पर झारखंड के गुमला की एक महिला को हर माह रुपये भेजने का लालच देकर उसकी सात साल की पुत्री को कोरबा ले आए थे। यहां वे मासूम बच्ची से घर का पूरा काम करवाते थे। इसके अलावा भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता। साथ ही बहाने-बहाने से उसकी झाडू से पिटाई की जाती थी। इससे तंग आकर बच्ची भाग गई। बच्ची ने यह जानकारी बाल कल्याण समिति को दी है।
बाल कल्याण समिति की शिकायत को पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मानव तस्करी का मामला पंजीबद्ध कर आरोपित दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक संदीप उरांव व उसकी पत्नी जगरानी खाका केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में हवलदार हैं। दोनों ने झारखंड के गुमला थाना अंतर्गत ग्राम जोरिया की एक कल्याणी महिला की आर्थिक तंगी का फायदा उठाते हुए उसकी सात साल की बेटी को अपने साथ निवास स्थान दर्री सीआइएसएफ कालोनी ले आए। उन्होंने उसकी मां को भरोसा दिलाया था कि घर का थोड़ा बहुत कामकाज करेगी और इसके बदले उसे खाना पीना, कपड़ा सहित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा प्रतिमाह एक हजार रुपये भेजा जाएगा। बच्ची की बेहतर शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला की बात भी कही थी।