छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के चर्चित एस्सार नोटकांड यानी फंडिंग मामले के चार आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया है। नक्सलियों को फंडिंग मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी समेत चारों आरोपियों को विभिन्न अदालत से जमानत मिल चुकी है।
वर्ष 2011 में एस्सार कंपनी द्वारा नक्सलियों को पैसा पहुंचाने के मामले में पुलिस ने सोनी सोरी, एस्सार के तत्कालिन जनरल मैनेजर डिवीसीएस वर्मा, ठेकेदार बीके लाला और लिंगा कोडोपी को गिरफ्तार किया था।
सभी के वकील क्षितिज दुबे के तर्कों के आधार पर एएनआईए कोर्ट ने आरोपियों को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया। इस मामले में जनरल मैनेजर को जिला एवं सत्र नयायाधीश दंतेवाड़ा ने जमानत दी थी। इसी तरह ठेकेदार बीके लाला को हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि सोनी सोरी और लिंगा कोडोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।
बरी होने के बाद सोनी सोरी ने कोर्ट को धन्यवाद दिया और कहा- इंसाफ मिल गया। इस एक मामले में मैंने अपना सब कुछ खो दिया। सोनी सोरी ने बताया वह शिक्षिका थी, पर एस्सार नोटकांड के बाद निलंबित हो गई थी।