कर्नाटक सरकार ने सभी स्कूलों और विश्वविद्यालय पूर्व के सभी कालेजों में सुबह की प्रार्थना सभा में प्रतिदिन राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। अब राज्य में हर दिन स्कूल शुरू होने पर सभी छात्र-छात्राओं को एक साथ अपने अध्यापकों और अन्य स्टाफ के साथ ‘जन गण मन” गाना होगा। कर्नाटक सरकार के 17 अगस्त के आदेश के मुताबिक सभी सरकारी स्कूलों, सहायता प्राप्त स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों और विश्वविद्यालय पूर्व के कालेजों पर यह फैसला लागू होगा।
आदेश में कहा गया है कि इस संबंध में सरकारी आदेश जारी होने के बावजूद बेंगलुरु के कुछ प्राइमरी और सेकेंड्री स्कूलों में सुबह की प्रार्थना में राष्ट्रगान नहीं गाया जाता है। सरकार को इस संबंध में शिकायतें मिली हैैं। इस शिकायत के बाद बेंगलुरु के उत्तर और दक्षिण मंडल के जननिर्देश विभाग के उप निदेशकों ने संबंधित स्कूलों का दौरा कर वहां राष्ट्रगान नहीं गाए जाने की पुष्टि की है। आदेश में कर्नाटक शिक्षा अधिनियम की धारा-133(2) के तहत कहा गया है कि सरकार को ऐसे दिशा-निर्देश देने का अधिकार है। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर स्कूल में सुबह होने वाली प्रार्थना सभा के लिए जगह की कमी है तो राष्ट्रगान कक्षाओं में भी गाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विगत 15 अगस्त के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समूचे राज्य के सभी स्कूलों, कालेजों और दफ्तरों में ठीक 11.30 बजे एक स्वर में राष्ट्रगान गाए जाने का आदेश जारी किया था। ‘जन गण मन” को राष्ट्रगान का आधिकारिक दर्जा पहली बार 24 जनवरी, 1950 को मिला था। भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने इसकी घोषणा की थी। बांग्ला में इसे रबींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। भारतीय अनुसंधान के अनुच्छेद 51ए (ए) के तहत सभी भारतीयों को राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देना अनिवार्य है।