अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ केंटकी मार्की कैंसर सेंटर के एक हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि बीटामेथासोन के उपयोग से प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। बीटामेथासोन एक सामान्य स्टेरायड है। अध्ययन निष्कर्ष इंटरनेशनल जर्नल आफ मालिक्यूलर साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
यूके कालेज आफ मेडिसिन के डिपार्टमेंट आफ टाक्सिकोलाजी एंड कैंसर बायोलाजी में सहायक प्रोफेसर लुक्साना चाइसविंग के नेतृत्व में हुए प्रायोगिक अध्ययन में पहली बार यह पाया गया कि बीटामेथासोन सामान्य प्रोस्टेट कोशिकाओं को रेडिएशन थेरेपी से होने वाले नुकसान से बचाती है, जबकि कैंसर कोशिकाओं को कमजोर करके इलाज को प्रभावी बनाती है।
चाइसविंग के अनुसार, ‘ऐसे नए उपचार के विकास की तत्काल जरूरत है, जिससे सामान्य ऊतकों को नुकसान न हो और रेडिएशन थेरेपी का प्रभाव भी बढ़ जाए। यह प्रोस्टेट कैंसर नियंत्रण पर बड़ा प्रभाव डालेगा और इससे मरीज की सेहत भी बेहतर होगी।” टीम ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से मान्यता प्राप्त करीब 700 दवाओं की जांच की। उसने पता लगाने का प्रयास किया कि कौन सी दवा रेडिएशन थेरेपी के कारण पैदा होने वाली साइटोटोक्सिसिटी से सामान्य ऊतकों को बचा सकती है और प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में भी मदद कर सकती है। इसमें बीटामेथासोन को ज्यादा उपयुक्त पाया गया। हालांकि, शोधार्थियों का कहना है कि डाक्टर की सलाह से ही इस प्रकार की किसी भी दवा का इस्तेमाल करना उचित होगा।