पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की जिसे पार्टी की इस सर्वोच्च इकाई ने ठुकरा दिया। बैठक में पराजय के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई और इस दौरान राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग जोर-शोर से उठी। लगातार दूसरे आम चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राहुल ने 2019 में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं जो पूरे दमखम के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी सराहना की। गहलोत ने कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं” अभियान की गूंज पूरे देश में सुनाई दी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हालिया चुनाव ध्रुवीकरण करके जीते हैं, साथ ही उन्होंने माना कि पंजाब में कांग्रेस अंदरूनी कलह की वजह से पराजित हुई। गहलोत ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर उत्तर प्रदेश्ा में भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगाया। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी ट्वीट कर कहा, ‘जैसा मैंने पहले कहा है कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है।” बैठक के दौरान पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के निकट एकत्र हुए। उन्होंने राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की और उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपने की मांग की। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि गांधी परिवार वह धागा है जो न सिर्फ कांग्रेस को बल्कि देश के सभी वर्गों को बांधकर रखता है। यह किसी चुनावी जीत या हार पर निर्भर नहीं है।