सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि वह इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी 21 मार्च तक दे। नए आदेश में उन यूनीक बॉन्ड नंबर्स के खुलासे का भी आदेश दिया, जिनके जरिए बॉन्ड खरीदने वाले और फंड पाने वाली राजनीतिक पार्टी का लिंक पता चलता है। 21 मार्च की शाम 5 बजे तक स्टेट बैंक के चेयरमैन एक एफिडेविट भी दाखिल करें कि उन्होंने सारी जानकारी दे दी है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि सीबीआइ जानकारियों का खुलासा करते वक्त सिलेक्टिव नहीं हो सकता। इसके लिए आप हमारे आदेश का इंतजार न करें।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा- स्टेट बैंक चाहती है हम ही उसे बताएं किसका खुलासा करना है, तब वे बताएंगे। ये रवैया सही नहीं है। बॉन्ड के यूनीक नंबर्स न होने पर कोर्ट ने 16 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी स्टेट बैंक से मिली जानकारी तुरंत अपलोड करने निर्देश दिया है।
बेंच ने 11 मार्च के फैसले में स्टेट बैंक को बॉन्ड की पूरी डिटेल देने का निर्देश दिया था। हालांकि, स्टेट बैंक ने सिर्फ बॉन्ड खरीदने और कैश कराने वालों की जानकारी दी। इस बात का खुलासा नहीं किया गया था कि किस डोनर ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया।