कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बेअसर करने के लिए सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। इसी के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के तीन भतीजों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया गया था। तीनों ने भारत में घुसपैठ किया था।
चिनार कार्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (सेवानिवृत्त) ने पाडकास्ट कार्यक्रम में कहा, आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के नेता नौ महीने से अधिक जीवित नहीं रह पाते। उससे पहले ही उन्हें मार गिराया जाता है। अब स्थानीय लोग आतंकवाद से दूर रहना चाहते हैं।
आतंकी संगठनों के लिए स्थिति कठिन बना दी गई जिसके परिणामस्वरूप जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने अपने भतीजों को त्राल क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजा था। एक भतीजे को 15 दिनों के भीतर मार गिराया गया। इसके बाद दूसरे भतीजे को भेजा गया, हमने उसे 10 दिनों में मार गिराया तीसरे भतीजे को तीन दिनों में ही खत्म कर दिया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट (सेवानिवृत्त) ने 2018 में चिनार कार्प्स कमांडर के रूप में कार्य किया जब भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी नेतृत्व के खिलाफ व्यापक अभियान चलाए और क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख समूहों को समाप्त कर दिया और एक वर्ष में 274 आतंकवादी मारे गए।