आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) देश के विभिन्न हिस्सों में सामूहिक पिटाई और झड़पों के वीडियो दिखाकर युवाओं की भर्ती कर रहा। हिरासत में लिए गए दो आतंकियों से पूछताछ में कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)को इसकी जानकारी मिली है।दरअसल, कुछ महीने पहले एनआइए ने छह बांग्लादेशी आतंकियों को भोपाल से गिरफ्तार किया था। कोलकाता पुलिस की एसटीएफ मध्य प्रदेश पुलिस की मदद से इनमें से दो आतंकियों को बंगाल में आतंकी नेटवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए भोपाल से कोलकाता ले आई।
दोनों आतंकियों के नाम मोहम्मद हमीदुल्लाह उर्फ राजू गाजी और मोहम्मद अकील उर्फ अहमद हैं। ये दो नवंबर तक कोलकाता एसटीएफ की हिरासत में रहेंगे। इस दौरान एसटीएफ को पता चला है कि ये दोनों बांग्लादेशी आतंकी तथा इनके कुछ साथी पिछले साल कोरोना काल के दौरान बांग्लादेश की सीमा पार कर बंगाल आए थे। उसके बाद ये कोलकाता के रास्ते मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए। इनका मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश सीमा के अलावा देश के कुछ हिस्सों में स्लीपर सेल तैयार करना था, ताकि किसी को शक न हो। ये लगातार सोशल मीडिया के जरिये आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे। देश के विभिन्न् हिस्सों में सामूहिक पिटाई और झड़पों के वीडियो दिखाकर युवाओं की भर्ती कर रहे थे। एक वृहत्तर बांग्लादेश बनाने के लिए युवाओं का ब्रेनवाश कर रहे थे। इन आतंकियों को भारतीय अल कायदा और बांग्लादेश की अंसारुल बांग्ला टीम (एबीटी) का भी समर्थन प्राप्त था।
ऐसे चला इन आतंकियों के बारे में पता
कोलकाता पुलिस ने कुछ दिन पहले अलकायदा के दो आतंकी फैजल अहमद और मोहम्मद हसनत को गिरफ्तार किया था। मालदा में हसनत के घर से एक पेन ड्राइव बरामद की गई थी, जिसमें आतंकी गतिविधियों के बारे में काफी जानकारी थी। एसटीएफ के अनुसार पेन ड्राइव और विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि हसनत भारतीय अल कायदा या अकीस और बांग्लादेश के एबीटी का सदस्य है, लेकिन उसके जेएमबी के साथ भी संबंध हैं। हसनत से पूछताछ के बाद कोलकाता एसटीएफ को इसके भोपाल जेल में बंद आतंकियों से जुड़े होने की जानकारी मिली। उसके बाद पुलिस ने मोहम्मद हमीदुल्लाह और मोहम्मद अकील से अपनी हिरासत में पूछताछ करने का फैसला किया।