पाकिस्तान में कई शिक्षण संस्थाएं भी आतंकी पैदा करने वाली फैक्ट्री में बन चुकी है। यहां बाकायदा जिहादी बनाने के साथ ही आतंक फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां तैयार से आतंकी अफगानिस्तान के अलावा अपने ही देश में भी हिंसा करते हैं। पाकिस्तान में ऐसी ही आतंकी पैदा करने वाली शिक्षण संस्था है। यह पेशावर से 60 किमी. दूर है। इसे ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद” के रूप में जाना जाता है। अकोरा खट्टक में दारुल उलूम हक्कानिया नामक इस संस्था को मुख्यधारा के राजनीतिक दलों का समर्थन है।
कई आतंकी वारदातों में इस शिक्षण संस्था का संबंध निकला है। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को आत्मघाती हमले में मारने वालों का भी यहीं से कनेक्शन था। इसके अलावा हक्कानिया नेताओं के अफगानिस्तान में चल रही हिंसा में भी हाथ होने के प्रमाण यहीं से मिले हैं। पाकिस्तान के शहरों में चल रहे मदरसे भी यही काम कर रहे हैं। इनमें वैचारिक रूप से युवाओं को तैयार करने के साथ हथियारों की ट्रेनिंग के लिए आतंकी संगठनों को सौंप दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में साढ़े छह हजार से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी तालिबान के साथ मिलकर हिंसा कर रहे हैं। इनका संबंध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से है।