सक्ती कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने 85 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को उसके घर पहुंचाकर मानवता की मिसाल पेश की। कलेक्टर की यह पहल जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। गत दिनों सक्ती कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक बेटा अपने बूढ़ी मां को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में छोड़कर घर लौट गया। बेटे के छोड़कर चले जाने से बूढ़ी मां रोती रही। यह बात कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना को पता चली तो जिला प्रशासन और पुलिस बल की मदद से उस बुजुर्ग महिलाओं को उसके घर तक पहुंचाया।
85 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला जैजैपुर तहसील क्षेत्र के सलनी गांव की रहने वाली है। वह अपने बेटे जीवनलाल चंद्रा के साथ जमीन संबंधित फरियाद लेकर जनदर्शन में शामिल होने कलेक्ट्रेट पहुंची थी। इस दरमियान उसके बेटे ने उसे कलेक्टर के सभाकक्ष में छोड़ दिया और अपने घर चला गया। जीवनलाल के इस कारनामा ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिरकार एक बेटे ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। बताया जा रहा है कि जीवनलाल जमीन संबंधित फरियाद लेकर कई बार जनदर्शन मे आवेदन लगा चुका है, लेकिन उसकी शिकायत का निराकरण नहीं हो पाया है। इससे तंग आकर उसने अपनी बूढ़ी मां को सक्ती कलेक्ट्रेट में छोड़ दिया और अपने घर चला आया।
कलेक्टर परिसर में बुजुर्ग महिला को रोते देख हर कोई दंग रह गया। सक्ती कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने सरकारी गाड़ी से उसके घर तक पहुंचाया। अपने घर पहुंचकर बूढ़ी महिला काफी खुश नजर आई। इस मामले में सक्ती कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना का कहना है कि बुजुर्ग महिला को उसके घर पहुंचाया गया और उसके परिजनों को समझाइश दी गई है। महिला पर निगरानी भी रखी जा रही है, ताकि वह अपने घर में अच्छे से रह सके।