किसानों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों के बैंक कहे जाने वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मरवाही को सरकार कितना भी जोर दे पर इसकी जमीनी हकीकत देखें तो आज भी सभी दावे कोरी कल्पना नजर आते है।
ताजा मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित मरवाही की बदहाल व्यवस्था का है , जहां अन्नदाता किसानो को अपनी ही खून पसीने की कमाई के लिए दर बदर भटकना पड़ रहा है, लिहाजा किसान सुबह से शाम तक पैसे की आस में बैंक के चक्कर लगाते रहते हैं ,पर उन्हें हताशा और निराशा के अलावा कुछ भी नहीं मिलता।
बता दे जिला सरकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित मरवाही में स्टाफ की कमी के कारण आये दिन किसानों को भुगतान की परेशानी बनी रहती है, वहीं किसानों के परेशानी को लेकर जब हमने सवाल करना चाहा तो बैंक के कर्मचारी कैमरे से बचते नजर आए। पूरी धरती को हरा भरा करने वाले और दुनिया का पेट भरने वाले अन्नदाता किसानों के लिये सरकार करोडो रूपये की योजना बनाकर काम करती है,
अब देखना यह होगा किसानों के सजग प्रहरी के रूप में काम करने वाली सरकार किसानो की इस समस्या पर कब तक संज्ञान लेती है।