चारो धाम यात्रा में से एक भगवान बद्री विशाल के कपाट आज खोले गए। आज वैदिक परम्परा और पूजा अर्चना के साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गये हैं, लेकिन कोरोना के चलते अभी भक्तों को आने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रात: ब्रह्म मुहुर्त में ठीक चार बजकर 15 मिनट पर भगवान श्री नारायण के कपाट इस वर्ष नर पूजा के लिए खोले गये। पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। कोरोना महामारी खत्म होने के लिए भी भगवान से विनती की गई। आम लोगों को कोरोना के चलते दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है।
भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने से पूर्व मंदिर के मुख्य पुजारी रावल के साथ धर्माधिकारी व वेदपाठियों द्वारा द्वार पूजन के साथ ही गणेश पूजन किया गया जिसके बाद राज दरबार टिहरी द्वारा निर्धारित तिथि और समय पर आज ब्रह्म वेला में किए गए। इसके बाद सभी लोगों ने अंखड ज्योति के दर्शन किये।
मां लक्ष्मी की प्रतिमा को उसके मंदिर में स्थापित कर यहां भगवान उद्वव व कुबेर को भगवान श्री नारायण के साथ गर्भगृह में स्थापित किया गया। बता दें कि अब यहां ग्रीष्मकाल में छह माह तक भगवान बद्री विशाल की पूजा मनर रूप में यानी मुख्य पुजारी रावल द्वारा की जायेगी। पट बंद होने के दौरान मां लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान नारायण के साथ ही गर्भगृह में रखा जाता है। जिसे आज दूसरे मंदिर में स्थापित किया गया