पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिदुओं पर अत्याचार व उनके धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। अब कराची के एक मंदिर में सरेआम देवी-देवता की प्रतिमाओं को खंडित करने का मामला सामने आया है। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने एक आरोपित को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया, जबकि दूसरा फरार है। हिदू समाज के लोगों ने वारदात के विरोध में थाने पर प्रदर्शन करते हुए सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की मांग की। बाद में पुलिस व पाकिस्तानी रेंजर मौके पर पहुंचे और इलाके की घेरेबंदी कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सरफराज नवाज ने बताया कि वारदात कराची के पुराने शहर नारायणपुरा की है, जहां मुहम्मद वालीद शब्बीर ने नारायण मंदिर में घुसकर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया। जब उसने वारदात को अंजाम दिया, तब मुकेश कुमार व उनकी पत्नी मंदिर में पूजा कर रहे थे। उन्होंने आरोपित को देवी-देवता की प्रतिमाओं को खंडित करते हुए देखा और शोर मचा दिया। इसके बाद मंदिर में मौजूद लोगों ने आरोपित को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मुकेश की शिकायत पर शब्बीर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दूसरा आरोपित फरार है।वारदात से हिदू समाज क्रोधित हो उठा और थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार से सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की। उनका कहना था कि इस वारदात के बाद हिदू समाज के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैैं। इस इलाके के हिदू समुदाय के ज्यादातर लोग गरीब अथवा निम्न आयवर्ग वाले हैैं और दशकों से यहीं रह रहे हैं।
सिंध के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ज्ञानचंद इसरानी ने कहा, ‘वारदात के संबंध में मुकदमा पंजीकृत किया जाना चाहिए। हम इस हमले की निंदा करते हैैं।” पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता व नेश्ानल एसेंबली सदस्य खीयल दास कोहिस्तानी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी धर्म ऐसी हरकत की इजाजत नहीं देता।