एक नए अध्ययन में पाया गया है कि रक्त जांच के जरिये ट्रामेटिक ब्रेन इंजरी (टीबीआई) की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ब्रेन इंजरी वाले दिन रक्त जांच किए जाने से यह पता लगाया जा सकता है कि किस रोगी की मौत हो सकती है और कौन गंभीर अक्षमता के साथ जीवित बच सकता है। टीबीआई की गंभीरता का पता चलने से डाक्टरों को प्रारंभ में ही टीबीआई के उपचार के बारे में निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।
लैंसेट न्यूरोलाजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जीएफएपी और यूसीएच-एल1 नामक दो प्रोटीन बायोमार्कर की रक्त में उच्च स्तर पर मौजूदगी का संबंध मौत और गंभीर इंजरी से पाया गया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ मिशिगन के शोधकर्ता फ्रेडरिक कोरली ने कहा, ‘ब्रेन इंजरी की गंभीरता और इसके परिणाम के बारे में सटीक अनुमान लगने से चिकित्सकों को उपचार के लिए उचित कदम उठाने में मदद मिल सकती है।”
शोधकर्ताओं ने करीब 1,700 टीबीआइ पीड़ितों पर अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने ब्रेन इंजरी वाले दिन इन पीड़ितों के रक्त के नमूनों में दोनों प्रोटीन का विश्लेषण किया था।