लंदन। विशाल जीव डायनोसॉर स्पाइनोसॉरस पानी में रहते थे लेकिन ठीक से तैर नहीं पाते थे। माना जाता है कि ये सबसे विशाल मांसाहारी डायनोसॉर्स में से एक थे। इनकी ऊंचाई 15 मीटर तक थी। धरती पर रहने वाले सबसे विशाल डायनोसॉर्स में से एक स्पाइनोसॉरस के बारे में एक नई और रोचक खोज की गई। स्टडी में यूनिवर्सिटी आॅफ मैरीलैंड के प्रिंसिपल लेक्चरर टॉम होल्ट्ज का कहना है कि स्पाइनोसॉरस बेहद विचित्र जीव थे। उन्हें समझना इसलिए बहुत मुश्किल है। स्पाइनोसॉरस की खोज 1915 में की गई थी लेकिन उसके बाद से इसके व्यवहार और खासियतों के बारे में वैज्ञानिकों के लिए समझना मुश्किल रहा है। पहले की रिसर्च से यह पता चला है कि स्पाइनोसॉरस पानी में रहते थे और मछली पकड़ने के लिए अपनी विशाल पूंछ से पानी में तैरते थे। अब पाया गया है कि ये पानी में ठीक से नहीं रह पाते थे बल्कि ये नदी के तट के पास रहते थे और मछली को पानी से बाहर लेकर आते थे। टॉम का कहना है कि अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे ऐसा नहीं लगता कि पानी में रहने वाला शिकारी ऐसा रहा होगा। उनका कहना है कि जो सबूत मिले हैं, उनके आधार पर इसके बारे में समझने की कोशिश की जा रही है। वैज्ञानिकों ने इसके जीवाश्म और पंखों की तुलना दूसरों के खोपड़ों और कंकालों, जीवित और विलुप्त और हो चुके जीवों के साथ भी की। इस स्टडी के मुख्य लेखक और लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के सीनियर लेक्चरर डॉ. डेविड हॉन ने कहा है, ‘हमारी स्टडी में स्पाइनोसॉरस के व्यवहार की साफ तस्वीर मिलती है।’ स्टडी में पाया गया कि स्पाइनोसॉरस पानी में शिकार करने में ज्यादा तेज या असरदार नहीं रहे होंगे। अब माना जा रहा है कि वे तट के पास ही रहते होंगे। यह भी पाया जा चुका है कि स्पाइनोसॉरस आज के मगरमच्छ की तरह तैरता नहीं जानते होंगे। उसकी पूंछ में मांसपेशियां कम रही होंगी और उन्हें पानी में खुद को खींचने में ज्यादा ताकत लगती होगी।