यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह शहर ओडेसा की बिजली व्यवस्था भंग हो गई है और वहां पर करीब 15 लाख लोग भीषण ठंड में अंधेरे में हैं। रूसी सेना द्वारा शनिवार को ईरान निर्मित ड्रोन हमले से यह स्थिति पैदा हुई है। रूस ने ओडेसा के दो विद्युत संयंत्रों पर ड्रोन हमले किए थे। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ओडेसा की स्थिति को बेहद खराब बताया है। चूंकि वहां पर रूसी हमले से बड़ा नुकसान हुआ है इसलिए वहां पर बिजली व्यवस्था बहाल होने में कई दिन लग सकते हैं। इस बीच रूस के कब्जे वाले मेलिटोपोल शहर पर यूक्रेनी सेना के हमले की खबर है। हमले में दो लोग मारे गए हैं।
अक्टूबर में रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर हमला होने के बाद से रूसी सेना यूक्रेन की बिजली व्यवस्था पर लगातार हमले कर रही है। भीषण ठंड और बर्फबारी वाले मौसम में बिजली गुल होना जानलेवा साबित हो रहा है। नार्वे ने दस करोड़ डालर के बिजली उपकरणों की मदद यूक्रेन भेजी है। अन्य यूरोपीय देशों ने भी करोड़ों डालर के बिजली उपकरण यूक्रेन भेजे हैं ताकि विद्युत व्यवस्था जल्द बहाल हो सके। लेकिन रूस के लगातार हमले स्थिति को मुश्किल बनाए हुए हैं। ऐसे में यूक्रेन के लोगों के लिए बिना बिजली के एक-एक मिनट भारी हो रहा है। शून्य डिग्री सेल्सियस से कम का तापमान बुजुर्गों और बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। ओडेसा क्षेत्रीय प्रशासन ने बताया कि विद्युत व्यवस्था को पूर्व की स्थिति में आने में तीन महीने का समय लग सकता है।
यूक्रेनी सेना के अनुसार रूसी सेना ने ओडेसा और मीकोलईव शहरों पर हमले के लिए 15 ड्रोन छोड़े थे। इनमें से दस को यूक्रेनी सेना ने आकाश में ही मार गिराया जबकि पांच ने लक्ष्यों से टकराकर उन्हें नुकसान पहुंचाया। इस बीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आने वाले दिनों में ईरान की ओर से रूस को सैन्य आपूर्ति बढ़ने के आसार हैं। इससे यूक्रेन पर हमले और तेज हो सकते हैं।