भारत में सिख आबादी कुल जनसंख्या का मात्र 1.7% है। वहीं, कनाडा में 2.1% सिख रहते हैं। इस समय भारत के 13 सांसद सिख हैं, जबकि कनाडा में सिख सांसदों की संख्या 15 है। इतना ही नहीं कनाडा में अंग्रेजी और फ्रेंच के बाद पंजाबी कनाडा की तीसरी प्रमुख भाषा है।
PM जस्टिन ट्रूडो ने 2016 में यहां तक कह दिया था कि मेरी कैबिनेट में PM मोदी की कैबनेट से ज्यादा मंत्री सिख हैं। PM ट्रूडो सिख वोटों के लिए कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थकों को हवा देते हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे भारत में पंथ निपरेक्षता के नाम पर स्वयं को सेक्यूलर बताने वाली राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों के हर जायज-नाजायज मांगों को समर्थन करती हैं। यहीं कारण है कि कनाडा खालिस्तानियों का गढ़ बनता जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा कुछ कटटरपंथी खालिस्ता समर्थक कर रहे हैं। उन्हें न तो आम सिखों का समर्थन है और न ही अन्य भारतीय का।
बता दें कि 126 साल पहले तक कनाडा में कोई सिख नहीं रहता था। इसकी शुरुआत हुई 1897 से, जब ब्रिटिश इंडियन आर्मी में रिसालदार मेजर केसर सिंह कनाडा जाकर बस गए। 1980 तक यह कुनबा बढ़कर 35 हजार तक पहुंचा और उसके बाद कई गुना रफ्तार से आज 7.70 लाख पार कर गया है।