बंगाल के आसनसोल के बर्नपुर में मां के निधन से आहत तीन भाई-बहनों ने जहर पी लिया। सेल इस्को कर्मी 59 साल के जयंत कर, उनके भाई 58 वर्षीय विप्लव कर की मौत हो गई। वहीं, 57 वर्ष माया गंभीर हालत में आसनसोल जिला अस्पताल में इलाजरत हैं। इनके क्वार्टर से एक सुसाइड नोट मिला है, इसमें लिखा है कि हम भाई बहन को अपनी मां (81 वर्षीय गीता देवी) से बहुत प्यार करते थे। वह नहीं रहीं इसलिए जीने का कोई फायदा नहीं। हम भी नहीं रहेंगे। इस दर्दनाक घटना से पूरे बर्नपुर को झकझोर दिया है।
स्थानीय के मुताबिक जयंत की मां की मौत कब हुई, कैसे हुई, कब इन भाई बहनों ने विषपान किया, कुछ पता नहीं है। जब घर में कोई हरकत नहीं दिखी तो सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस दरवाजा तोड़ अंदर गई तो देखा तीन लाशें पड़ी थीं, माया की सांसें चल रही थी। घर में एसिड की बोतल भी मिली है। इससे आशंका जताई जा रही है कि यही भाई बहनों ने पी लिया होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इलाके के पुर्णेदु चौधरी और उत्पल सेन ने बताया कि जयंत मूलत: त्रिपुरा के रहने वाले थे। उनको उनके पिता की जगह नौकरी मिली थी। जयंत कर हर सोमवार को मां की देखरेख के लिए कार्यालय से अवकाश भी ले लेते थे। तीनों भाई बहन अपनी मां को जान से भी ज्यादा चाहते थे। घर पर भाई विप्लव और माया मां की दिनभर देखभाल करते थे। मोहल्ले में रहने के कारण हम लोगों से उनका परिचय था। मगर यह परिवार किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। आपस में सभी खुश रहते थे। इनको अपनी मां से इतना लगाव था कि तीनों ने तय किया था कि विवाह नहीं करेंगे। इन दिनों मां के बीमार होने से पूरा परिवार परेशान था। संभावना है कि मां की बीमारी से मौत हो गई। इसलिए अवसाद के कारण तीनों ने मौत को गले लगाने का फैसला कर लिया।