कर्नाटक के दावनगरे में एक नाबालिग लड़की ने इसी साल जुलाई में भेदभाव से परेशान होकर पूरे परिवार के खाने में जहर मिला दिया। इस खाना को खाने से उसके माता-पिता, छोटी बहन और दादी की मौत हो गई। हालांकि उसके बड़े भाई की जान बच गई। फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आने पर पता चला कि परिवार की मौत रात के खाने में मिले जहर से हुई, जिसे 17 साल की लड़की ने बनाया था।
पुलिस के मुताबिक लड़की को पढ़ाई न करने के लिए पीटा जाता था और काम करने के लिए खेतों में भी भेजा जाता था। इसके कारण उसे लगता था कि घरवाले उसके साथ दुर्वय्वहार करते हैं। मौत की फॉरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 12 जुलाई की रात को खाने में जहर मिलाकर खिला दिया जिसके बाद 80 साल की दादी, 45 साल के पिता और 40 साल की मां, 16 साल की एक बहन को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई। हालांकि भाई की जान बच गई।
पुलिस के मुताबिक 17 साल की राधिका अपने नाना-नानी के घर पली-बढ़ी थी। तीन साल पहले वह अपने मां-बाप के साथ शिफ्ट हो गई, जिनका घर तीन गली छोड़कर ही है। दोनों परिवार एक ही गांव में रहते थे। लड़की को लगता था कि उसे नानी के घर पर ज्यादा प्यार मिलता था और उसके मां-बाप उसके भाई-बहन को ज्यादा प्यार करते थे। आरोपी लड़की ने बताया कि उसके घरवाले उसे रोज डांटते थे और पीटते थे। काम करने के लिए उसे खेतों में भेजते थे। जब वह अपने मां-बाप के घर आई तो आठवीं क्लास में उसका दाखिला कराया गया, लेकिन वह अच्छे से नहीं पढ़ रही थी जिसको लेकर हर रोज झगड़ा होता था। अपने मां-बाप के व्यवहार से परेशान होकर उसने उन्हें मार डालने का फैसला किया।