
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नशे के बढ़ते कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की सीमाओं पर पुलिस चौकसी बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए बॉर्डर पर सहायता केन्द्र बनाने का प्लान बनाया गया है जिसके माध्यम से पड़ोसी राज्यों से आने वाले नशे के सामान के साथ दूसरे अवैध कारोबारों पर भी नजर रखी जाएगी। पुलिस और एनडीपीएस एक्सपर्ट को आधुनिक जांच मशीनों के साथ इन केंद्रों को मजबूत किया जाएगा। इस पर करीब 6 करोड़ खर्च किए जाएंगे। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कुछ दिन पहले पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे वहीं उन्होंने बार्डर पर अलग-अलग तरीकों से चौकसी बढ़ाने के लिए भी कहा था। दरअसल राजधानी रायपुर में गोलीकांड के बाद ड्रग्स जैसी नशीली चीजों के कारोबार का खुलासा हुआ है। ड्रग्स सप्लायरों और पैडलर्स के तार दूसरे राज्यों से जुडऩे के साथ ही विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। वहीं ओडिशा की सीमा से अभी तक सबसे अधिक नशीले पदार्थों के छत्तीसगढ़ आने का खुलासा हुआ है। ओडि़शा के रास्ते छत्तीसगढ़ में ड्रग्स, चरस, अफीम, गांजा जैसी नशे की सूखी चीजें ज्यादा आती हैं। पिछले दो महीनों के भीतर महासमुंद पुलिस ने कई बड़े मामले भी पकड़े हैं। बताया गया है कि इसी घुसपैठ को सीमा पर ही रोकने के लिए कड़ी चेकिंग की जाएगी।