भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस या इंजीनियर्स डे (Engineer’s Day) मनाया जाता है। दरअसल आज ही के दिन देश के सबसे प्रसिद्ध इंजीनियर और विद्वान रहे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था। उन्हीं की उपलब्धियों और योगदान की याद में 1963 से उनकी जन्मतिथि के अवसर पर भारत में अभियंता दिवस मनाया जा रहा है।
कौन थे सर विश्वेश्वरैया?
15 सितंबर 1860 को जन्मे विश्वेश्वरैया मैसूर के दीवान थे। डॉ विश्वेश्वरैया का जीवन उपलब्धियों से भरा रहा। इसके लिए उन्हें न सिर्फ़ 1955 में भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया बल्कि सार्वजनिक जीवन में योगदान के लिए किंग जॉर्ज पंचम ने उन्हें ब्रिटिश इंडियन एम्पायर के ‘नाइट कमांडर’ से भी नवाज़ा। उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस के ही दिन देश में इंजीनियर्स डे मनाया जाता है।
बतौर इंजिनीयर विश्वेश्वरैया जी के कार्य
चीफ इंजीनियर की भूमिका निभाते हुए विश्वेश्वरैया कर्नाटक में कृष्णा सागर बांध का निर्माण किया था। इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद में बाढ़ नियंत्रण सिस्टम बनाने के लिए चीफ इंजीनियर के तौर पर काम किया था। अपनी सिंचाई परियोजनाओं के कारण उन्हें विश्वभर में सराहना मिली।
विश्वेश्वरैया जी की उपलब्धियाँ
विश्वेश्वरैया जी ने स्वचालित स्लुइस गेट बनाए जो बाद में तिगरा डैम (मध्य प्रदेश) और कृष्ण राज सागर डैम (कर्नाटक) के लिए भी इस्तेमाल किए गए। इस पेटेंट डिज़ाइन के लिए उन्हें रॉयल्टी के रूप में एक बड़ी रकम मिलनी थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया ताकि सरकार इस धन का उपयोग विकास के अन्य कार्यों पर खर्च सके। इस समाजसेवी प्रयास ने उन्हें और अधिक प्रसिद्धि दिलायी।
इसके अतिरिक्त उन्होंने हैदराबाद में जल निकासी प्रणाली में सुधार किया। बॉम्बे में उन्होंने सिंचाई और पानी की बाढ़ के फाटकों की ब्लॉक प्रणाली शुरू की बिहार और उड़ीसा में वह रेलवे ब्रिज प्रोजेक्ट और जलापूर्ति योजनाओं का हिस्सा रहे।
सभी इंजीनियर्स के लिए हैं प्रेरणास्त्रोत
सर विश्वेश्वरैया को न केवल भारत सरकार द्वारा प्रशंसा मिली, बल्कि दुनिया भर से मानद पुरस्कार और सदस्यता भी मिली। 101 साल की उम्र में 14 अप्रैल 1962 को उनका निधन हो गया। लेकिन उनका जीवन आज भी हमारे देश के सभी इंजीनियरों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
देश के निर्माण और विकास के लिए कार्यरत सभी इंजीनियरों को अभियंता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।