
वन विहार नेशनल पार्क में पर्यटक जल्द ही ऐशियाई शेरों का दीदार कर सकेंगे। अब इनकी 21 दिन की क्वारेंटाइन पूरा हो चुकी है। डॉक्टरों की टीम की सहमति के बाद शेरों को पर्यटकों के दीदार के लिए बाड़ों में रिलीज किया जाएगा। गुजरात के जूनागढ़ से एशियाई शेरों का जोड़ा 21 दिसंबर को वन विहार लाया गया था। इन्हें 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन बाड़ों में रखा गया था। दोनों ही शेर पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन्हें जल्द ही बाड़ों में छोड़ा जाएगा, जहां पर्यटक शेरों को देख सकेंगे। एशियाई शेर धीरे-धीरे वन विहार के माहौल में ढल रहे हैं। वन विहार में आए नर लॉयन एव मादा लॉयन की उम्र लगभग 3 वर्ष है।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को यह सौगात शासन एवं विभाग स्तर पर विशेष प्रयासों से प्राप्त हुई है। उक्त लॉयन जोड़े के बदले वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल से नर बाघ (बांधवगढ़-2) एवं मादा बाघ (बंधनी) को दिया गया है। उक्त दोनों की उम्र लगभग 6 साल है। वन विहार में अब 2 नर और 3 मादा लॉयन हो गए हैं। पहले यहां एक नर सत्या और गंगा-नंदी मादा लॉयन थी।गौरतलब है कि गुजरात के चिड़ियाघर से सिंह का जोड़ा लाए जाने की कवायद पिछले 16 साल से चल रही थी। इन दो शेरों के बदले जूनागढ़ को दो टाइगर दिए गए हैं।
गुजरात मप्र के बाघों के बदले पहले बूढ़े शेर देना चाहता था। इसके बाद वन विहार ने जूनागढ़ के इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया था। इसके चलते एक्सचेंज प्रोग्राम अटक गया था। अब जाकर गुजरात से एक शेर और शेरनी को लाया गया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली से प्राप्त अनुमति के बाद 17 दिसंबर को नौ सदस्यीय दल वन विहार से नर बाघ एवं मादा बाघ को लेकर सक्करबाग जू जूनागढ़ गुजरात के लिए रवाना हुआ। 21 दिसंबर को इन्हें वन विहार लाया गया था।