ब्रसेल्स पहुंचे यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रूस से लड़ने के लिए नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के सदस्य देशों से हथियार, हथियार और हथियार मांगे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य बिल्कुल साफ है, हम अपनी धरती को बचाने के लिए रूस से लड़ना चाहते हैं। कुलेबा ने यह बात नाटो के सदस्य और निकट सहयोगी देशों की बैठक में कही। इस बीच कीव से नजदीकी इलाकों से रूसी सेना की वापसी के बाद राजधानी की गतिविधियां पटरी पर आने लगी हैं। घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर गए बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं वापस लौटने लगे हैं। कीव में जरूरी वस्तुओं की दुकानें भी खुलने लगी हैं और रूसी बमबारी से क्षतिग्रस्त हुए मकानों और सड़कों की मरम्मत की रूपरेखा तैयार होने लगी है। लोग बिछुड़े लोगों को याद करते देखे और सुने जा रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाता जा रहा है। वह रूसी भाषा बोलने वालों की बहुलता वाले डोनबास (डोनेस्क और लुहांस्क) पर कब्जा करना चाहता है। लेकिन रूस की मंशा पूरी न होने देने के लिए यूक्रेन पूरी ताकत से लडेगा। अपनी जमीन को रूस के कब्जे से बचाने के लिए हम हर संभव कोशिश करेंगे। मारीपोल के मेयर ने फिर कहा है कि उनके शहर में रूसी हमले के चलते पांच हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। वह मृतकों की सही संख्या की जानकारी के लिए सर्वे करा रहे हैं। पांच हजार मृतकों में हमले में मारे गए लोगों के अतिरिक्त वे लोग भी हो सकते हैं जो दवा के अभाव में या ठंड के कारण मौत के शिकार हो गए। मारीपोल में रूसी सेना की घेराबंदी के चलते वहां पर पानी, बिजली, गैस, खाद्यान्न् और दवाओं की आपूर्ति हफ्तों से बाधित है। कब्जे के लिए रूसी सेना मारीपोल, खार्कीव और डोनबास के अंतर्गत आने वाले इलाकों पर रात-दिन हमले भी कर रही है। इन हमलों से संपत्ति का भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच यूक्रेन के बालाकिलिया श्ाहर के मेयर इवान स्टोल्बोवई के परिवार के साथ भागकर रूस चले जाने की खबर है। एक अन्य मामले में यूक्रेन में बुरी तरह से घायल एक रूसी सैनिक