गावड़े पारा बारिश के दिनों बन जाता है टापू
भानुप्रतापपुर। शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर गांव-गांव में सड़कों व पुल-पुलिया का जाल बिछाया जा रहा है, लेकिन आज भी क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं जो इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। भानुप्रतापपुर विकासखण्ड से महज 8 किलोमीटर दूर ग्राम रानीडोंगरी के गावड़े पारा में आवागमन के लिए न सड़क हैं, न ही पुलिया। बारिश के दिनों में यह गांव टापू बन जाता है। यदि ग्रामीणों को किसी जरूरी काम से ग्राम पंचायत व ब्लॉक मुख्यालय जाना है तो अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी को पार करते हैं। फिर भी बेबस ग्रामीणों की मांगों को अनसुना कर दिया जाता है, वहीं मोटरसाइकिल को लकड़ी में बांध कर चार लोग पकड़ कर नदी पार कराते हैं। सड़क और पुल बनाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं शासन प्रशासन को कई बार गुहार लगाते आ रहे हंै, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं। ग्रामीण अघन सिंह मंडावी, रोशन लाल, साधु राम अचला देवराज दुगा, अशोक मंडावी, संग्राम अचला, रेखा बाई, टेटो बाई, अमृता दुग्गा, भूमिका, सिवनी कोर्राम, मथुरा आदि ने बताया कि चुनाव के दौरान वार्डवासियों की मुख्य मांग सड़क व पुलिया की रहती है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव जीतने पर पुल-सड़क बनवाने का भरोसा भी दिया जाता है। कई जनप्रतिनिधि आये और गए पर हमारी समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। क्षेत्र के ग्रामीणों का जनप्रतिनिधियों पर से भरोसा उठता जा रहा है, हो सकता है कि आने वाले समय में वे चुनाव का बहिष्कार भी कर दें। क्योंकि सड़क व पुलिया के अभाव में ग्रामीणों को कई प्रकार की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को पढ़ाई करने के लिए बारिश के दिनों में नदी पार कर के स्कूल जाना पड़ता है। पानी अधिक होने पर उन्हें अभिभावकों के कंधों का सहारा लेना पड़ता है। बारिश के मौसम में कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। ऐसे ही आंगनबाड़ी में भी बच्चों को ले जाना नहीं हो पाता, जिससे बच्चों को पूरा पोषण नहीं मिल रहा है। गांव के लोगों को भी नदी पार करने के लिये कपड़े उतारकर जाना पड़ता है। बच्चों को कंधे के शाहरे नदी पार कराया जाता हैं
चिकित्सा और राशन पाने करते हैं लंबा इंतज़ार
ग्राम पंचायत चिचगांव के आश्रित ग्राम रानीडोंगरी के गावड़े पारा के ग्रामीण मूलभुत सुविधाओं से वंचित हैं। बारिश के दौरान जब यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है तो लोगों को चिकित्सा सुविधा पाने के लिए भारी परेशान होना पड़ता है। कई बार उचित इलाज के अभाव में लोगों की जान पर बन जाती है। हालहि में ग्रामीण सुरेंद्र मंडावी को बीमारी हालात में अस्पताल ले जाने के लिए नदी में पानी कम होने का इंतज़ार करना पड़ा और उनकी हालत और बिगड़ गयी थी। पूर्व में भी एक गर्भवती महिला को बारिश की वजह से अस्पताल नहीं ले जाया जा सका जिसके चलते घर मे ही प्रसव हो गया। इसी तरह राशन लेने के लिए भी ग्रामीणों को नदी में पानी कम होने का इंतज़ार करना पड़ता है, और बच्चे कई दिनों तक स्कूल व आंगनबाड़ी नही जा पाते।