बिलासपुर। वक्फ बोर्ड की 27 एकड़ जमीन पर निजी लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसे मुंगेली कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम व तहसीलदार ने कब्जाधारियों के नाम पर कर दिया है। इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रकरण को संबंधित ट्रिब्यूनल में ले जाने का निर्देश दिया। मुस्लिम जमात कमेटी ने अधिवक्ता बदरुद्दीन खान के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि वक्फ बोर्ड की सरगांव में 27 एकड़ जमीन है। यह जमीन मुस्लिम समाज के गरीब वर्ग के विकास के लिए है। इस पर निजी लोगों ने कब्जा कर लिया है। कमेटी ने इस मामले की शिकायत वक्फ बोर्ड से की थी, जिस पर वक्फ बोर्ड ने कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जमीन का नामांतरण कब्जाधारियों के पक्ष में नहीं करने कहा था। इसके बाद भी जमीन कब्जाधारियों के नाम पर नामांतरित कर दी गई है। इस कार्रवाई से क्षुब्ध होकर जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में बताया गया कि इस प्रकरण पर कार्रवाई के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखे जाने पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। प्रविधान के अनुसार वक्फ बोर्ड की संपत्ति को निजी व्यक्ति के नाम नहीं की जा सकती। ऐसे मामलों में वक्फ बोर्ड को कार्रवाई का अधिकार है। लेकिन जानबूझकर इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
प्रकरण में कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार व कब्जाधारियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड को कार्रवाई करने के निर्देशित किया जाए। इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा की युगलपीठ में हुई। हाई कोर्ट ने कहा कि यह संपत्ति से संबंधित मामला है, जिसे किसी दूसरे ट्रिब्यूनल जैसे सिविल कोर्ट आदि में ले जाया जाना चाहिए। यह मामला जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य नहीं है। इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने याचिका को समाप्त कर दिया है। अब याचिकाकर्ता कमेटी को ट्रिब्यूनल में प्रकरण पेश करना होगा।