दंतेवाड़ा। जिला दंतेवाड़ा के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला को एनएबीएल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता प्रयोगशाला का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। एनबीएएल के पूर्व प्रयोगशाला में एफटीके कीट के प्रयोग से जल गुणवत्ता परीक्षण किया जाता था, जिनमें की संभावित परिणाम प्राप्त होते थे। लाल पानी से ग्रसित जिला दंतेवाड़ा में अनिवार्य रूप से पानी की जांच हेतु उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशाला का होना आवश्यक है। जिले के विभागीय प्रयोगशाला के एनएबीएल मान्यता प्राप्त होने के दौरान ही रासायनिक परीक्षण कार्य प्रारंभ हो चुका है। जिसके द्वारा जल के गुणवत्ता जांच का मापन उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकों से किया जा रहा है और परिणाम 48 घंटों में प्राप्त किया जाता है। एनएबीएल निर्देशिकाओं के पालन के फलस्वरूप पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला में रसायन द्वारा परीक्षण के अंतर्गत कुल 11 मानकों पर परीक्षण किया जा रहा है।एनएबीएल के कुछ निर्देशिकाएं हैं। जिले के प्रयोगशाला में माह दिसंबर 2021 में एनएबीएल के निर्देशिकाओं को पालन करना प्रारंभ किया गया एवम प्रयोगशाला द्वारा संपूर्ण निर्देशिकाओं के पालन उपरांत सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर राष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता प्रयोगशाला का गौरव प्राप्त हुआ है। पेयजल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला के सर्टिफिकेशन उपरांत महत्वपूर्ण रूप से 6 मानकों में परीक्षण पीटी हेतु आवेदन किया जा चुका है, जो की अतिशीघ्र ही अप्रूव किये जाने की संभावना है। यह बहुत ही गौरव की बात है कि बस्तर संभाग के आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला को अब राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। अब जिला दंतेवाड़ा में भी उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशाला में रसायन द्वारा पेयजल परीक्षण संभव है। इसी प्रकार विकासखंड गीदम में भी उप खंड लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और पेयजल गुणवत्ता जांच की छ।ठस् प्रयोगशाला की स्थापना लिए जाने की प्रक्रिया जारी है।
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