कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में विश्व को कोवोवैक्स वैक्सीन के रूप में एक और हथियार मिल गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स के लाइसेंस के तहत भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन कर रही है।
एसआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला ने डब्ल्यूएचओ के इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह एक और मील का पत्थर है।” इस हफ्ते के शुरू में पूनावाला ने कहा था कि वह अगले छह महीने में बच्चों के लिए कोवोवैक्स को लांच करने की योजना बना रहे हैैं। परीक्षण में यह वैक्सीन बच्चों के लिए अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित पाई गई है।
डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया, ‘कोवोवैक्स के लिए एक आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) जारी की है, जिसमें कोरोना के खिलाफ डब्ल्यूएचओ से मान्य टीकों का विस्तार किया गया है। यह वैक्सीन नोवावैक्स के लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित की गई है।”
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि उसके आपातकालीन उपयोग सूची के लिए तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी-ईयूएल) ने कोवोवैक्स को उसके सभी मानकों पर सही पाया है जिसका वैश्विक रूप से उपयोग किया जा सकता है। भारत में अभी कोवोवैक्स को इमरजेंसी उपयोग की स्वीकृति नहीं मिली है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के यहां कंपनी ने इसके लिए आवेदन किया है।