भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया है। बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने यह घोषणा की। शाह ने ट्वीट किया,”मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीसीसीआई पक्षपात मिटाने की दिशा में पहला कदम उठा रहा है। हम अनुबंधित महिलाओं के लिए भी समान मैच फीस नीति लागू कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट में लैंगिक समानता के नए युग में हम महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देंगे। समान फीस महिला क्रिकेटरों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता थी। मैं शीर्ष परिषद को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।”
भारत समान वेतन की व्यवस्था लागू करने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ दूसरा देश है। इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड क्रिकेट समान मैच फीस लागू करने वाला पहला बोर्ड था, जबकि क्रिकेट आस्ट्रेलिया लैंगिक असमानता को दूर करने की दिशा में काम कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण मुकाबलों के रद और स्थगित होने के बावजूद भारत की पुरुष टीम ने पिछले दो साल में 21 टेस्ट मैच खेले, जबकि इसी दौरान महिला टीम ने इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिर्फ एक-एक टेस्ट खेला। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में एशिया कप में श्रीलंका को हराकर ट्राफी जीती थी। इसके अलावा टीम ने बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स में रजत पदक भी जीता। बीसीसीआई ने पिछली वार्षिक आम बैठक में अगले साल महिलाओं का पहला आईपीएल कराने की घोषणा भी की थी।