पिछले पोस्ट में हमने छत्तीसगढ़ के कुछ बेहतरीन स्थलों के बारे में जानकारी दी थी, इसी कड़ी में हम फिर से 5 अन्य स्थलों के बारे में बात करेंगे जो पर्यटकों के लिए नए विकल्प के रूप में सामने आएंगे।
1. तुंगल जलाशय, सुकमा
मुरतोंडा गांव में पानी को रोकने के लिए एक छोटा सा बांध बनाया गया है जिसके कारण एक बड़े भूभाग पर जलभराव हो गया है इसी को तुंगल जलाशय के नाम से जाना जाता है।
• रायपुर से 400 किलोमीटर की दूरी में यह बांध स्थित है
• यह बांध चारों तरफ घने जंगलों से घिरा हुआ है। पानी में छोटे-छोटे टापू बने हैं जिस पर छायादार घने वृक्षों की भरमार है।
• राज्य प्रशासन ने तुंगल बांध को इको पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया है, यहां नौकायन की सुविधा भी है ।
• इस बांध के पास में ही छोटा सा पार्क बनाया गया है जिसमें एमू जैसे विशाल पक्षी रखे गए हैं गर्मी के दिनों में पर्यटकों का तांता यहां लगा रहता है।
• यदि आप अपने राज्य में ही कुछ नए जगह में घूमना चाहते हैं तो यह स्थल सबसे अच्छा विकल्प है।
2. कांगेर वैली, बस्तर
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह तीरथगढ़ जलप्रपात से शुरू होकर उड़ीसा की सीमा पर कोलाब नदी तक फैला हुआ है।
• इस राष्ट्रीय उद्यान में साल, बांस और सागोन के वन , विश्व प्रसिद्ध गुफाएं ,खूबसूरत झरने और विभिन्न प्रकार के पशुओं की प्रजाति पाई जाती है।
• यहां एशिया का सबसे पहला बायोस्फीयर घोषित किया गया था हालांकि वर्तमान में इसे अब हटा लिया गया है।
• यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए कई वन विश्राम गृह है जिनका संचालन कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर से कराया जा रहा है।
• कुटुमसर से कैलाश गुफा मार्ग में एक ओर कांगेर नदी है तो दूसरी ओर सघन वन। इसी क्षेत्र में लगभग 7 किलोमीटर कि लोअर कांगेर वैली की मनोरम यात्रा की व्यवस्था की गई है जिसमें पर्यटक यहाँ के मनमोहक दृश्य को जीवन भर के लिए अपनी यादों में सहेज सकते हैं।
• यदि आप 2 से 3 दिनों का ट्रिप बनाना चाहते हैं तो इस क्षेत्र से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं हो सकता है।
3. कुरदर हिल, बिलासपुर
जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी और बेलगहना रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर की दूरी पर यह हिल स्टेशन स्थित है। समुद्र तल से लगभग 12 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन वर्तमान में छत्तीसगढ़ का उभरता हुआ पर्यटन स्थल बनता जा रहा है।
• यहां बांस और शगुन के जंगल है तथा पास में ही कुर्दन चलाते हैं जिसमें वर्ष भर पानी भरा रहता है।
• यहां पास में ही एक चांदनी जलप्रपात है जो कि एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है साथ ही निकट में बंगला डोगरी पर वॉच टॉवर निर्मित है।
• यहां राज्य शासन के द्वारा इको रिसोर्ट बनाया गया है जहां खाने और ठहरने की उत्तम व्यवस्था है।
4. आमपानी, कोरिया
कोरिया जिले में आमा पानी एक प्राकृतिक स्थल है जो देखने में बहुत ही अद्भुत है। यहां गोपद नदी का उद्गम आम के पेड़ की जड़ से हुआ है इसलिए इस क्षेत्र का नाम आमा पानी रखा गया।
• रायपुर जिले से यह स्थल लगभग 320 किलोमीटर की दूरी पर है।
• इस स्थल के समीप में ही 6 किलोमीटर की दूरी पर हसदेव नदी का उद्गम स्थल है जहां से कर्क रेखा गुजरती है।
• यदि आप प्रकृति प्रेमी है तब यहां पहाड़ एवं घाटी के विहंगम दृश्य का आनंद उठाने के लिए अवश्य जा सकते हैं।
• यहां तक पहुंचने के लिए पक्का रास्ता ना होने के कारण कुछ टेढ़े मेढ़े राहों से गुजरना पड़ सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि आप दिन के समय में ही इस क्षेत्र का नजारा देखकर आ जाए।
• भविष्य में ट्रैकिंग के लिए यहां आस-पास की पहाड़ियों को विकसित किया जा सकता है जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हों।
5. अचानकमार वन अभ्यारण
सतपुड़ा रेंज के मैकल पहाड़ियों के बीच अचानकमार अभ्यारण बिलासपुर से 60 किलोमीटर की दूरी पर अमरकंटक मार्ग पर स्थित है, इस अभ्यारण का कुछ क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य में तथा कुछ क्षेत्र मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। अपनी प्राकृतिक छटा गाने सालवन और विभिन्न प्रकार के प्राणियों के लिए यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करता है।
• समुद्र तल से 3500 फीट की ऊंचाई पर टंगरी पाथर नामक स्थान इस अभ्यारण का सबसे ऊंचा स्थान है।
• यह अभ्यारण बाघों की सर्वाधिक संख्या के लिए जाना जाता है यदि आप जंतु प्रेमी है और अपनी जिंदगी में कुछ रोचक यात्राओं का आनंद उठाना चाहते हैं तो यह स्थल आपके लिए सबसे उपयुक्त है।
• इस अभ्यारण के आसपास सिहावल सागर, लक्ष्मण पाव, पंडवानी तालाब, लक्ष्मण डूंगरी जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थल है ।
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– पूनम ऋतु सेन