- पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम के कार्यक्रम में किये शिरकत
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर हमने छुट्टी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री विश्व आदिवासी दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मंगलवार को शामिल हुए। यह कार्यक्रम राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाधयाय आडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री बघेल शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जन जागरण अभियान के लिए कैलेंडर का विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि हम लोग 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रहे हैं। हम आदिवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य के लिए हमने काम किया है।बस्तर में मलेरिया के मामलों में 65%कमी आई है ।हाट बाजार से लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के मामले में हम आगे बढ़ रहे हैं ।हमने 300 बंद स्कूलों को फिर शुरू करने का काम किया है।हम फिर से 10 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहे हैं।आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है सारे योगदान को हम सहेज कर रखना चाहते हैं। भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम हमारी सरकार कर रही है।
पेसा कानून को कैबिनेट से मिला अनुमोदन-
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून के नियमों का अनुमोदन कैबिनेट ने कर दिया है। राजपत्र में इसका प्रकाशन हो गया है यह कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे।इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी। गांवों के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का भी उन्हें अधिकार होगा। पेसा कानून पहले से था, इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब वे अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।