युवा महिला खिलाड़ियों को आखिरकार वैश्विक मंच पर चमकने का मौका मिलेगा जब शनिवार से पहले अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप में 16 टीमें एक दूसरे के आमने सामने होंगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 1988 के बाद से 14 पुरुष अंडर-19 विश्व कप आयोजित किए हैं लेकिन महिला क्रिकेटरों के लिए यह टूर्नामेंट पहली बार होगा। पिछले पांच वर्षों में महिला क्रिकेट ने काफी विकास किया है लेकिन खेल को और लोकप्रिय बनाने के लिए और अधिक प्रतिभाओं को खोजने की जरूरत है।
इस टूर्नामेंट को 2021 में शुरू किया जाना था लेकिन कोविड-19 के चलते इसे 2023 तक खिसकाना पड़ा। कुल 11 पूर्ण सदस्य देशों, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, भारत, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण्ा अफ्रीका, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और जिब्बावे की टीमों ने स्वत: टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया। उनके अलावा आइसीसी के पांच क्षेत्रों अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), रवांडा, स्काटलैंड और इंडोनेशिया की एक टीम इसमें हिस्सा लेगी। भारत को ग्रुप सी में मेजबान दक्षिण अफ्रीका, स्काटलैंड और यूएई के साथ रखा गया है। शेफाली वर्मा की अगुआई वाली टीम शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी।
मिताली ने साझा किए अपने अनुभव
भारत की भविष्य की स्टार खिलाड़ियों को महान क्रिकेटर मिताली राज से उनके विश्व कप के अपार अनुभव के बारे में जानने का मौका दिया गया। उन्हें मिताली से खेल के दौरान दबाव भरी परिस्थितियों से निपटने के अलावा हार से वापसी करने, कप्तानी की श्ौली और आगे बढ़ने के बारे में जानकारी मिली। मिताली से मिलने के बाद भारतीय कप्तान शेफाली ने कहा,”आप कुछ नए और ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने जा रहे हो, यह आप महसूस करोगे ही। हम अपने पहले मैच के लिए काफी रोमांचित हैं।”
भारतीय टीम में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता : तेंदुलकर
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय महिला अंडर-19 टीम आइसीसी अंडर-19 टी-20 विश्व कप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों से एक हो सकती है। तेंदुलकर ने आइसीसी के कालम में लिखा,”मैं कहूंगा कि भारत की महिला टीम में इस बार बेहतरीन टीम में से एक होने की काबिलियत है।
टीम में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में कुछ अनुभवी खिलाड़ियों और कुछ युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का अच्छा संतुलन है। अंडर-19 महिला टूर्नामेंट पहली बार हो रहा है जिससे काफी उम्मीदें हैं। मुझे लगता है कि यह परिश्य बदल सकता है क्योंकि एक वैश्विक मंच से युवा महिला क्रिकेटरों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा और उन्हें अनुभव हासिल होगा।” तेंदुलकर ने लिखा,”महिला क्रिकेट ने हालांकि काफी प्रगति कर ली है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी विकास किया जाना बाकी है। इस समय दुनिया भर में और अधिक मजबूत जमीनीं प्रणाली की जरूरत है। हम जितना बेस बढ़ाएंगे, उतनी ही ज्यादा प्रतिभा खोज पाएंगे।”