सामूहिक दुष्कर्म में 666 दिन जेल में रहे युवक द्वारा आरोप मुक्त होने के बाद जिला व सत्र न्यायालय में मध्य प्रदेश शासन व पुलिस के जांच अधिकारी, सहयोगी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 10 हजार छह करोड़, दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया है, जो सुर्खियों में है। 30 वर्षींय युवक ने जेल में रहने के दौरान अलग-अलग सुविधाओं से वंचित रहने के कारण क्षतिपूर्ति राशि मांगी है।
उल्लेखनीय है कि एक महिला ने 20 जुलाई 2018 को बाजना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 18 जनवरी 2018 को कांतू पुत्र नरसिंह अमलियार, निवासी गांव घोड़ाखेड़ा ने जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद अन्य आरोपित भेरू सिह को बुलाकर उसके सुपुर्द कर दिया। भेरू उसे इंदौर ले गया था और छह माह तक रखकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर कांतू व भेरू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
सुनवाई के बाद 20 अक्टूबर 2022 को न्यायालय ने आरोप प्रमाणित नहीं होने पर दोनों को दोषमुक्त कर दिया। दोषमुक्त होने के बाद कांतू ने हर्जाना का दावा किया है। यह दावा अधिवक्ता विजयसिह यादव के माध्यम से किया गया है। अधिवक्ता यादव से जब पूछा गया कि इतनी अधिक राशि का दावा क्यों लगाया गया? उनका कहना है कि मनुष्य के जीनव का कोई मूल्य नहीं होता, इसका कैसे विश्लेषण करें। ईश्वर द्वारा नवाजी गई चीजों की कोई कीमत नहीं होती। प्राकृतिक सुख ईश्वर की देन है, उसे कोई अन्य वापस नहीं कर सकता। झूठे प्रकरण से न केवल सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई, बल्कि उसके बच्चे शिक्षा से वंचित रहे।
वह विवाहित व्यक्ति है। लंबी हिरासत के कारण उसका परिवार भुखमरी की स्थिति में रहा है। वृद्ध मां, पत्नी व बच्चों के पालण-पोषण का दायित्व उसका है। जेल में रहने के कारण् वह दायित्व से वंचित रहा। अलग-अलग सुविधाओं से वंचित रहने के कारणों की अलग-अलग राशि के लिए दावा किया गया है। इनमें केवल 10 हजार करोड़ रुपये मानव के लिए भगवान के उपहार जैसे प्राकृतिक सुख की हानि के कारण मांगे गए हैं। यह भारतीय अपकृत्य विधि के तहत प्रस्तुत किया गया है।
जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी
कांतू ने बताया कि झूठे प्रकरण के कारण वह मां, बच्चे, पत्नी से अलग रहा। वह पुलिस से बचने के लिए तीन वर्ष फरार रहा। परिवार का पालन पोषण पांच वर्ष तक नहीं कर पाया। पत्नी ने जैसे-तैसे मजदूरी कर बच्चों व मां का पालन पोषण किया। उसके पास एक बीघा जमीन है, जो कोर्ट केस लड़ने, बच्चों के पालन पोषण आदि के लिए पत्नी ने डेढ़ लाख रुपये में गिरवी रखी है। उसे क्षतिपूर्ति राशि मिलनी चाहिए।
इन मदों में मांगी क्षतिपूर्ति
-10 हजार करोड़ रुपये प्राकृतिक सुख से वंचित रहने के लिए।
-जीवन के उत्पादक वर्ष, आय की हानि, संपत्ति की हानि के एक करोड़ रुपये।
-प्रतिष्ठा और साख की हानि के कारण, समाज द्वारा नकारापन, पहचान, गरिमा और प्रतिष्ठा को नुकसान आदि के लिए एक करोड़ रुपये।
– शारीरिक व मानसिक पीड़ा के लिए एक करोड़ रुपये
-स्वतंत्रता की हानि आदि पहुंचाने के लिए एक करोड़ रुपये।
-पारिवारिक जीवन की हानि के कारण एक करोड़।
-शिक्षा और करियर के अवसरों के नुकसान के कारण प्रगति, कलंक आदि के लिए एक करोड़ रुपये।
-कोर्ट केस खर्च के दो लाख रुपये।