नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 7वें दिन भी जारी है। किसानों ने शाम करीब सवा पांच बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष स्वराज सिंह ने कहा, ‘हम सड़क पर नहीं बैठे हैं। प्रशासन ने बैरिकेड्स और जवान खड़े करके हमारा रास्ता रोका है और इसीलिए हम यहां रुके हैं। हमें यह जगह अस्थाई जेल जैसी लगती है और हमें रोका जाना गिरफ्तारी की तरह है। हम जैसे ही यहां से छूटे तो सीधा दिल्ली जाएंगे।’
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल, जो मंगलवार को किसानों को मनाने में नाकाम रहे थे, वो आज गृह मंत्री अमित शाह से उनके घर पर मिले। दोनों मंत्रियों ने मंगलवार को किसानों से हुई बातचीत का अपडेट शाह को दिया।मंगलवार को सरकार के साथ 35 किसान संगठनों की 3 घंटे की बातचीत बेनतीजा रही। मीटिंग में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे थे।
8 से हड़ताल पर जाएंगे ट्रांसपोर्टर
तीन कृषि बिलों को लेकर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे ट्रांसपोर्टरों ने आगामी 8 दिसंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बुधवार को उत्तर भारतीय राज्यों में और बाद में पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को रोकने की धमकी दी है।
करीब 1 करोड़ माल वाहक ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च ट्रांसपोर्ट बॉडी आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने किसानों के विरोध के समर्थन में 8 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि 8 दिसंबर से हम उत्तर भारत में अपने सभी कार्यों को बंद कर देंगे और अपने सभी वाहनों को उत्तर भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब, हिमाचल और जम्मू में रोक देंगे। हमने तय किया है कि अगर सरकार ने अब भी प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानीं तो हम पूरे भारत में चक्का जाम के लिए आह्वान करेंगे और हमारे सभी वाहनों को रोक देंगे।
किसान आंदोलन के समर्थन में छग के किसान आज करेंगे चक्काजाम
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, संयुक्त किसान मोर्चा और देश के 500 से अधिक किसान संगठनों के आह्वान पर प्रदेश में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के 21 घटक संगठन तीन दिसम्बर को पूरे प्रदेश में चक्काजाम करेंगे। मोदी-योगी-खट्टर सरकार द्वारा किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों पर दमन के खिलाफ एकजुटता प्रकट करते हुए अपनी आवाज बुलंद करेंगे और इन कानूनों को वापस लेने तथा सी-2 लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में देने का और उन्हें कर्जमुक्त करने का कानून बनाने की मांग करेंगे। छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने एक बयान में उन्होंने कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों पर लाठी चार्ज किये जाने तथा पानी की बौछार मारने की कड़ी निंदा की।