उत्तर प्रदेश् के रामपुर के टांडा क्षेत्र में की युवती की शादी का फैसला पंचायत ने इस तरह किया कि खुद युवती ने भी नहीं सोचा था। यह युवती पिछले दिनों अपने चार दोस्तों के साथ घर छोड़कर भाग गई थी। जब युवती को उसके चारों दोस्तों के साथ पकड़ लिया गया तो उसके युवती के परिजनों ने चारों लडकों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने जाने लगे। मामला पुलिस तक पहुंचता और पुलिस कोई हस्तक्षेप करती इसके पहले ही लड़कों के परिजनों ने पंचायत बुला ली। पंचायत ने चारों लडकों और युवती के परिजनों को फैसले के लिए बुला लिया। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद पंचायत का फैसला अजीबोगरीब था।
पंचायत ने दोनों की शिकायतों को सुनने के बाद पंचों ने इस पर फैसले के लिए तीन दिन का समय मांगा। तीन दिन बाद फिर से पंचायत बैठी। इसमें पंचों ने लड़की के सामने चारों लड़कों में से किसी एक से शादी करने की शर्त रख दी। लड़की को ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी और चारों लड़के भी शादी को तैयार नहीं थे। वहीं, लड़की भी उनमें से किसी एक को पसंद नहीं कर पा रही थी। तब पंचायत ने पर्ची से दूल्हे का नाम तय करने का सुझाव दिया गया। इस पर सभी गांववाले तैयार हो गए। चारों लड़कों के नाम की पर्ची डाल कर छोटे बच्चे से उठवाई, जिस लड़के का नाम पर्ची में निकला उसके साथ युवती की शादी कर दी गई। यह अनूठी शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।