मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देने के लिए मणिपुर के DGP राजीव सिंह पहुंचे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के 3 जजों की कमेटी मणिपुर में जाकर राहत और पुर्नवास देखे। साथ ही ऐसी कोशिशें की जानी चाहिए, ताकि राज्य के लोगों में विश्वास और कानून के शासन में भरोसा लौट सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं गीता मित्तल इस कमेटी की हेड रहेंगी। कमेटी की दो अन्य सदस्य जस्टिस (रिटायर्ड) शालिनी पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन रहेंगी। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणी ने कहा कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति नाजुक है। बाहर से जांच होना लोगों में विश्वास पैदा नहीं करेगा। सरकार स्थिति को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से डील कर रही है। एक आर्टिफिशियल सिचुएशन बनाई गई है, जिससे बताया जा रहा है कि सरकार कुछ नहीं कर रही। यह बहुत उलझाऊ स्थिति है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों में 42 स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) जांच करेंगी। इन केसों को अभी तक सीबीआई को ट्रांसफर नहीं किया गया है। इन SIT के काम को डीआईजी रैंक का अफसर निगरानी करेगा। ये अफसर मणिपुर के बाहर के होंगे। डीआईजी रैंक का अफसर 6 SIT की निगरानी करेगा। इन SIT की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी।