भारतीय रेल अपने 13 लाख कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना उपलब्ध कराकर उनके इलाज का दायरा व्यापक करने जा रहा है। हालांकि रेलवे पहले ही अपने कर्मचारियों और उनके आश्रित परिजनों को ‘रेलवे कर्मचारी उदारीकृत स्वास्थ्य योजना’ और ‘केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा’ (सीजीएचएस) के जरिये चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहा है। मगर अब रेलवे कर्मियों के चिकित्सीय उपचार के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव कर रहा है।
इसी के अनुरूप रेलकर्मियों के लिए ‘समग्र स्वास्थ्य बीमा योजना’ से जुड़े सभी पहलुओं को परखने के लिए एक समिति गठित की गई है। इसका उद्देश्य चिकित्सा, आकस्मिक परिस्थितियों आदि के दौरान वित्तीय जोखिमों से उन्हें बीमा कवर उपलब्ध कराना है। इसमें कहा गया कि रेलवे ने अपने सभी मंडलों और उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों से इस प्रस्ताव पर उनके सुझाव और प्रतिक्रियाएं मांगी हैं।
वहीं रिटायर रेल कर्मियों को घर बैठे पेंशन पेमेंट आर्डर (पीपीओ) आदि उपलब्ध कराने के लिए नया प्रावधान किया गया है। इसके तहत एक ऐप तैयार किया गया है। इससे सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को कहां फाइल रुकी हुई है, कब तक भुगतान होगा, इसकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के प्रधान अधिशासी निदेशक (लेखा) अंजली गोयल ने छह अगस्त को पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि रिटायर रेलवे कर्मचारी को पेंशन से संबंधित कार्य के लिए डीआरएम आफिस या अन्य ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं होगी।