वेस्ट बैंक में शुक्रवार की रात भीड़ ने 2 फिलिस्तीनियों को गोली मारकर बिजली के खंभे से लटका दिया। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक उन पर इजराइल के लिए जासूसी के आरोप लगे थे। एक फिलिस्तीनी पत्रकार ने टाइम्स ऑफ इजराइल को बताया कि भीड़ ने पहले तो दोनों को पीटा, उन्हें गोली मारी और उनके शवों को लातें मारी। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हुए हैं। इनमें सैकड़ों लोग दिखाई दे रहे हैं। जबकि कुछ लोग मारे गए फिलिस्तीनियों को बिजली के खंभे पर लटका रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ लोगों ने दोनों फिलिस्तीनियों को कुछ इजराइली इंटेलिजेंस के लोगों से मिलते देखा था। आरोप है कि उन्हें इंटेलिजेंस शेयर करने के बदले हजारों डॉलर भी दिए गए थे। मारे जाने के बाद भीड़ ने उन्हें खंभे से उतारकर कचरे में फेंक दिया। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इस घटना के दौरान वहां फिलिस्तीनी अथॉरिटी मौजूद थी या नहीं। सीजफायर के दूसरे दिन हमास ने शनिवार देर रात इजराइली बंधकों के दूसरे बैच को रिहा कर दिया। बदले में 39 फिलिस्तीनियों को इजराइली जेलों से छोड़ा गया है। इजराइली सेना का कहना है कि युद्धविराम समझौते के तहत अदला-बदली के दूसरे दौर में हमास ने 13 इजराइलियों और चार विदेशियों को रिहा किया। ये चारों थाईलैंड के नागरिक हैं। रिहाई के बाद दोनों तरफ के लोग और उनके परिवार खुशी मना रहे हैं। हमास ने जिन बंधकों को रिहा किया उनमें 8 बच्चे और 5 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 3 बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम है। हमास की कैद से आजाद हुई 5 साल की रज अपनी 3 साल की बहन अवीव और मां के साथ बंधक थी। शनिवार को पिता से मिलने के बाद उसने कहा कि वो कैद में घर लौटने के सपने देखती थी। रिहा हुए कई बंधक ऐसे हैं, जिनके परिजन अब भी हमास के बंधक हैं। वहीं, 9 साल की एमिली जो शुक्रवार को रिहा हुई लगभग 50 दिन बाद शनिवार को अपने पिता से मिली। एमिली के पिता थोमस हैंड को लगा था कि वो 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में मारी गई है। इजराइली सेना ने उनसे कहा था कि उन्हें शक है कि एमिली जिंदा बची होगी। थोमस सिंगल डैड हैं उनकी पत्नी की कुछ साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। हमास की कैद में रहते हुए ही एमिली 9 साल की हुई।