सोमालिया के 35 समुद्री लुटेरों को INS कोलकाता से मुंबई लाया गया। भारतीय नौसेना ने इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया है। इन लुटेरों ने 16 मार्च को नेवी के सामने सरेंडर किया था। दरअसल, 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के जहाज MV रुएन को हाईजैक कर लिया था। वो इस जहाज का इस्तेमाल समुद्र में डकैती करने के लिए कर रहे थे। 15 मार्च को भारतीय नौसेना ने हेलिकॉप्टर जहाज को बचाने के लिए उसके करीब पहुंचा था। इसके फौरन बाद समुद्री लुटेरों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। इस दौरान नेवी ने लुटेरों से सरेंडर करने को कहा था।
भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रुएन को बचाने वाला ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चलाया था। इसे पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान 17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला गया था। अब हाईजैक जहाज MV रुएन पूरी तरह भारतीय नौसेना के कब्जे में है।
कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा के मुताबिक, लूटेरे MV रुएन जहाज का इस्तेमाल अपने बेस की तरह करने लगे थे। 14 मार्च को समुद्री लुटेरों ने इससे एक बांग्लादेशी झंडे वाले जहाज मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह पर कब्जा करने की कोशिश की थी। 15-20 हथियारबंद लुटेरों ने जहाज पर हमला कर दिया था। ये मोजाम्बिक से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा रहा था। हालांकि, भारतीय नौसेना ने इसे रेस्क्यू कर लिया था।