इंडोनेशिया की तांगेरंग जेल में क्षमता से तीन गुना है। इस जेल में लगी भीषण आग से 41 कैदी जिंदा जलकर मर गए, जबकि 80 झुलसे कैदियों का अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। आग लगने का कारण बिजली का शार्ट सर्किट है। इस जेल की सी ब्लाक की बैरक में आग लगी है। बैरक में ड्रग के मामलों में सजायाफ्ता अपराधी बंद थे। 38 कैदियों की क्षमता वाली इस बैरक में अग्निकांड के समय कैदियों की संख्या 122 थी।
घटना के बाद इंडोनेशिया के कानून और मानवाधिकार मंत्री यशोन्ना लाओली ने दौरा करने के बाद बताया कि मरने वाले कैदियों में दो विदेशी हैैं। इनमें से एक दक्षिण अफ्रीका और दूसरा पुर्तगाल का है। बैरक में क्षमता से ज्यादा कैदी होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। इस जेल में 1972 से बिजली के तारों को बदला ही नहीं गया है।
इंडोनेशिया में ड्रग का कारोबार फलफूल रहा है। इस धंधे में लगे अपराधियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से जेलें भरी हुई हैैं। यह देश में जेलों की दुर्दशा के कारण भी पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां जेलों में अक्सर दंगे और आग की घटनाएं होती रहती हैैं। जेल में आग और उसके बाद धुएं के वीडियो स्थानीय टीवी में दिखाए जा रहे हैैं। 2019 में उत्तरी सुमात्रा की आतिश्ाबाजी की फैक्ट्री में आग से 30 लोगों की मौत हो गई थी।