गरियाबंद। गरियाबंद जिले में अवैध धान आने से रोकने प्रशासन ने भी कमर कस ली है। यहां हर बार कुछ लोग ओडिशा से धान लेकर बेच रहे थे। इसकी शिकायत पर यह कवायद की जा रही है। पुलिस और प्रशासन की टीम अब छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा से लगने वाले इलाकों में 5 और नए चेकपोस्ट खोलने जा रही है, जिससे अवैध धान को आने से रोका जा सके। इसके लिए रविवार को जिले के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर और एसपी पारूल माथुर ने इन इलाकों का दौरा भी किया है। बताया गया है कि प्रशासन ने पिछले 10 दिनों में अवैध रूप से लाया जा रहा 12 लाख का अवैध धान भी जब्त किया है। दरअसल, गरियाबंद जिले के देवभोग का इलाका ओडिशा के तीन जिलों से लगा हुआ है। ओडिशा के नवरंगपुर, कालाहांडी, नुआपड़ा जिले की सीमा इन इलाकों से लगती हैं। इन्हीं जिलों से बिचौलिए धान लाकर गरियाबंद जिले में बेचते हैं। मकसद है धान बेचकर अधिक पैसा प्राप्त किया जा सके। पता चला है कि इस तरह के लोग हर बार धान खरीदी के वक्त यही करते हैं। इसी शिकायत पर पुलिस और प्रशासन ने सख्ती बरती है।
1 दिसंबर से धान खरीदी होगी
प्रदेश में इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। जिसके लिए किसान तैयारी में भी लगे हुए हैं। अब प्रशासन ने भी धान खरीदी के पहले कमर कस ली है। रविवार को कलेक्टर और एसपी ने देवभोग के उन इलाकों का दौरा किया है। जहां नए पोस्ट खोलने हैं। वहीं उन इलाकों का भी दौरा किया है। जहां चेकपोस्ट पहले से चल रहे हैं। यहां पहुंच कर दोनों ही अधिकारियों ने ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को जरूरी निर्देश भी दिए हैं। चेकपोस्ट को लेकर देवभोग टीआई विकास बघेल ने बताया है कि हम चेकपोस्ट बनाकर कुछ अलग तरीके भी अपना रहे हैं। जिससे की ऐसे बिचौलियों को पकड़ा जा सके। इसी वजह से हमने पिछले कुछ दिनों में अवैध धान भी पकड़ा है। चेकपोस्ट पर बैनर लगाकर अवैध धान लाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। इस प्रकार अब देवभोग के ही अलग-अलग इलाकों में कुल 18 चेकपोस्ट हो जाएंगे। नए चेकपोस्ट कच्चे रास्ते वाले इलाके में बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में जो धान खरीदी के लिए जो नियम है उसके मुताबिक एक एकड़ में 15 क्विंटल धान बेचने का नियम है। यानी यदि किसान के पास एक एकड़ जमीन है तो वह 15 क्विंटल तक धान बेच सकता है। सरकार ने धान खरीदी के लिए रेट भी तय कर रखा है। मगर जिले में किसानों के पास पैदावार कम है। यहां किसानों को एक एकड़ में कहीं 7 क्विंटल या 8 क्विंटल की ही उपज होती है। इसी वजह से किसान ओडिशा से धान लाकर यहां बेचते हैं। इससे उन्हें मुनाफा भी होता है।
पैदावार अधिक, धान बेचने में परेशानी भी
इधर, ओडिशा में धान खरीदी के लिए नियम अलग हैं। यहां सरकार किसानों से सीधे धान नहीं खरीदती। ओडिशा में मिलरों के माध्यम से सरकार धान लेती है। इसके कारण किसानों को यहां अपना धान बेचने में परेशानी है। इसलिए यहां के किसान गरियाबंद जिले के किसानों को अपना धान सस्ते दामों में भी बेच देत हैं। वहीं, इंद्रावती नदी होने के कारण ओडिशा के इन तीनों ही जिलों में धान की पैदावार भी बंपर है।
गांजा तस्करी रोकने भी मिलेगी सफलता
प्रदेश में गांजा तस्करी भी एक बड़ी समस्या है। छत्तीसगढ़ में गांजा ओडिशा से ही पहुंचाता है। फिर छत्तीसगढ़ के रास्ते दूसरे प्रदेशों में चला जाता है। महासमुंद के बाद गरियाबंद भी ऐसा जिला है। जिसकी सीमा ओडिशा से लगी है। गांजा तस्कर तस्करी करने देवभोग के इन इलाकों का भी अब तक इस्तेमाल करते रहे हैं। मगर चेकपोस्ट बनने से संभावना है कि गांजा तस्करों को पकड़ने में भी सफलता मिलेगी।