रायपुर पुलिस ने पिछले दिनों शास्त्री बाजार में हुई एक उठाईगिरी के दो आरोपियों को दिल्ली से पकड़ लिया है। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया है। इनको पकड़ने के लिए गोल बाजार थाने की एक टीम कई दिनों से दिल्ली में कैंप कर रही थी। पकड़े गए ठगों के नाम गोपाल सोलंकी पिता बीरसिंह निवासी निलोठी मोड़, नई दिल्ली और मायापुरी फेस-3 गुरुद्वारा के पास झुग्गी निवासी राहुल परमार पिता किशन परमार हैं। पुलिस ने बताया, देवेंद्र नगर की रहने वाली प्रेमलता अग्रवाल ने 25 जनवरी को शिकायत कर बताया था, वे अपने पति आनंद अग्रवाल के साथ शास्त्री बाजार गई थीं। उनको बाजार पहुंचाने के बाद उनके पति कहीं चले गए। थोड़ी देर बाद झोला लेकर एक लड़का उनके पास आया। उसके कपड़े गंदे थे। देखकर ऐसा लगा भीख मांगकर अपना गुजारा करता होगा। कहने लगा अम्मा कुछ खाने को दे दोए, भूखा हूं। इतने में एक और युवक वहां पहुंच गया। वो इस लड़के से पूछने लगा कि झोले में क्या है। खाना मांग रहे लड़के ने कहा कि उसने एक दुकान से ये झोला चोरी कर लाया है। महिला के सामने ही युवकों ने झोला खोला। उसमें नोटों का बंडल निकला। दूसरे युवक ने चौंकते हुए कहा. इसमें तो 500-500 के नोट भरे हुए हैं। उसने नोट गिनने की एक्टिंग की और कहा कि कम से कम 6 लाख रुपए हैं। दोनों ने महिला से कहा कि अपने जेवर देकर वह रुपए रख ले। महिला ने को लालच आ गया। उसने कहा नोट नकली हो सकते हैं। इस पर एक लड़के ने फूल की दुकान से 500 रुपए का चिल्लर लिया। उसके बाद महिला को यकीन हो गया कि नोट असली हैं।
दोनों ठगों की बातों में आकर महिला ने सोने की चेन, दो अंगूठी और दोनों हाथ की हीरे जड़ी चूड़ियां उनके हाथों में थमा दिया। 6.5 तोले के इन जेवरों की कीमत करीब 5 लाख रुपए होगी। बदमाशों ने महिला के पास रखा 5 हजार रुपए कैश भी ले लिया। जेवर और नकदी लेने के बाद ठगों ने महिला को वह झोला पकड़ा दिया। कुछ देर बाद महिला के पति लौटे तो उन्होंने सारी बातें बतायी। झोला खोलकर देखा तो उसमें कागज के बंडल थे। तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस का उपयोग
महिला की शिकायत पर गोल बाजार थाने में एफआईआर दर्ज हुई। उसके बाद एसएसपी अजय यादव ने एएसपी सिटी लखन पाटले, एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल और साइबर सेल के एएसपी अभिषेक माहेश्वरी को इस केस में अपराधियों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा। साइबर सेल और गोल बाजार थाने की पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले, मोबाइल का सर्विलांस किया। उसके बाद उन्हें अपराधियों के दिल्ली में होने का सुराग मिला।
दिल्ली जाकर बिछाया जाल
तकनीकी आधार पर लोकेशन चिन्हित होने के बाद गोल बाजार थाने की एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया। इस टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। उनकी लोकेशन निहाल विहार थाने के सोम बाजार में मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में गोपाल सोलंकी उर्फ कुणाल बार-बार बयान बदल रहा था। पुलिस ने सख्ती की तो उसने अपने साथी राहुल परमार के साथ ठगी की बात स्वीकार कर ली। बाद में पुलिस ने स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड लिया।